अदालत ने माना कि अनुज थापन ने पुलिस हिरासत में की थी आत्महत्या

Date:

मुंबई वार्ता/ इंद्रीश उपाध्याय

सलमान खान के घर पर फायरिंग मामले में गिरफ्तार आरोपी अनुज थापन की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. पुलिस के अनुसार उसने आत्महत्या की थी जबकि अनुज के परिवार वालों ने उसकी हत्या का आरोप लगाते हुए मामले के जांच की मांग की थी. इसी मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने कहा कि इस मौत मामले में कुछ भी संदेहास्पद नहीं है।

कोर्ट ने कहा कि अनुज थापन की मौत, कस्टोडियल डेथ नहीं लगती। अनुज थापन 14 अप्रैल को अभिनेता सलमान खान के बांद्रा स्थित आवास के बाहर हुई गोलीबारी का आरोपी थी। उसकी पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी।

पुलिस ने कहा कि क्राइम ब्रांच के लॉक-अप शौचालय के अंदर वह आत्महत्या करके मरा। अनुज के परिवार का आरोप था कि उसकी पुलिस हिरासत में हत्या हुई है।मैजिस्ट्रेट की जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए हाई कोर्ट ने इस मामले में निष्कर्ष निकाला। जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, ‘निष्कर्षों से पता चलता है कि वह अकेले बाथरूम में गया, वह बाल्टी पर खड़ा हुआ और फिर उसने खुद को फांसी लगा ली। हमें कोई उचित स्पष्टीकरण बताएं। जब 18 वर्षीय लड़का मामले में मुख्य आरोपी भी नहीं है, तो कोई उसे क्यों मारना चाहेगा?’

न्यायाधीशों ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज में शौचालय में थापन के साथ कोई भी व्यक्ति नहीं था, और फोटो से ऐसा कुछ भी नहीं पता चलता है जिससे पता चले कि उसने संघर्ष किया या विरोध किया।

उन्होंने कहा कि वे अपने बेटे को खोने वाली मां की चिंता और भावनाओं को समझ सकते हैं, लेकिन पुलिस द्वारा उसे मारने का कोई कारण नहीं समझ पा रहे हैं।

न्यायमूर्ति मोहिते-डेरे ने कहा, ‘वह शूटर भी नहीं है। उसे मारकर पुलिस को क्या हासिल होगा? इसके विपरीत, जो कुछ भी हुआ, उसका खुलासा करने वाला वह सबसे अच्छा व्यक्ति होता। वे उसे सरकारी गवाह भी बना सकते थे। लेकिन हमें ऐसा कुछ भी नहीं मिला जो गलत लगे। सीसीटीवी से साफ पता चलता है कि घटना से पहले वह बेचैन था, इधर-उधर घूम रहा था।

‘न्यायमूर्ति चव्हाण ने कहा कि शारीरिक रूप से मजबूत व्यक्ति मानसिक रूप से इतना मजबूत नहीं हो सकता है।, ‘कौन जानता है कि किस परिस्थिति ने उसे जल्दी से वह खास निर्णय लेने और खुद को फांसी लगाने के लिए मजबूर किया।’

न्यायाधीशों ने कहा कि थापन ने शायद सोचा होगा कि अब मेरे माता-पिता को महाराष्ट्र आने, जमानत के लिए आवेदन करने, वकीलों के लिए बहुत अधिक खर्च करना पड़ेगा”

अनुज की मां के वकील राणा ने कहा कि एक मां अपने बच्चे को बेहतर जानती है। न्यायमूर्ति मोहिते-डेरे ने असहमति जताते हुए कहा, ‘कोई भी यह दावा नहीं कर सकता कि उसे पता है उस समय किसी व्यक्ति के साथ क्या घटित होता है, कोई नहीं बता सकता। यही कारण है कि आत्महत्याएं होती हैं।’ सुनवाई स्थगित करते हुए, हाई कोर्ट ने कहा, ‘यदि आवश्यक हुआ, तो हम सीसीटीवी फुटेज देखेंगे और कोई भी आदेश पारित करने से पहले अपनी अंतरात्मा को संतुष्ट करेंगे।’

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

प्रमुख खबरे

More like this
Related

टूट सकता है महाराष्ट्र में NDA गठबंधन !

● पूर्व महाराष्ट्र कॉंग्रेस अध्यक्ष नाना पटोल के...

लेबर एसोसिएशन का चुनाव तुरंत हो जाना चाहिए:- सेंचुरी रेयॉन वर्कर्स यूनियन की मांग

राजन बलसाने/मुंबई वार्ता सेंचुरी रेयॉन वर्कर्स यूनियन ने...