‘मोबाइल फॉरेंसिक वैन’ का लोकार्पण मुख्यमंत्री के हाथों
मुंबई वार्ता/ श्रीश उपाध्याय

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के तहत, 7 साल या उससे अधिक की सजा वाले अपराधों के लिए फॉरेंसिक साक्ष्यों का उपयोग अनिवार्य किया गया है। इसी के तहत महाराष्ट्र ने ‘मोबाइल फॉरेंसिक वैन’ की शुरुआत की है, जिससे वह यह सुविधा प्रदान करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। यह बात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कही।
सह्याद्री अतिथि गृह में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने मोबाइल फॉरेंसिक वैन का फीता काटकर और हरी झंडी दिखाकर उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने मीडिया से भी बातचीत की।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि राज्य में कुल 259 मोबाइल फॉरेंसिक वैन शुरू की जाएंगी, जिनमें से 21 पूरी तरह से सुसज्जित वैन पहले ही कार्यरत हैं। इन वैन का उपयोग अपराध स्थलों पर जाकर फॉरेंसिक जांच और साक्ष्य जुटाने में किया जाएगा। ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करते हुए क्राइम सीन एप्लिकेशन के माध्यम से जांच की जाएगी, जिसमें साक्ष्य एकत्र कर बारकोड से सुरक्षित किए जाएंगे। वैन में डीएनए सैंपल, खून और अन्य फॉरेंसिक साक्ष्य एकत्र करने की सुविधा होगी। इसके अलावा, बलात्कार जैसे गंभीर अपराधों में भी यह मददगार होगी। वैन में फॉरेंसिक विशेषज्ञ और सहायक कर्मचारी मौजूद रहेंगे। सायबर अपराधों की जांच के लिए विशेष किट्स और सीसीटीवी कनेक्टेड सिस्टम भी उपलब्ध होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तकनीक से साक्ष्य एकत्र करने की प्रक्रिया अधिक प्रभावी और सटीक होगी। यह सुनिश्चित करेगा कि साक्ष्यों में कोई छेड़छाड़ न हो। इस पहल से अपराधियों पर लगाम लगेगी और अपराध सिद्धि की दर बढ़ेगी।