■ आरबीआई का स्वागत योग्य कदम, नए घर एवं वाहन खरीदने वालों की बढ़ेगी तादाद : शंकर ठक्कर
मुंबई वार्ता संवाददाता

कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय मंत्री एवं अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने बताया भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने आज ने रीपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर इसे 6% कर दिया है। यह इस साल की दूसरी कटौती है।
इससे पहले फरवरी में करीब पांच साल बाद पहली बार रीपो रेट को घटाकर 6.5% से 6.25% किया था। इसके साथ ही स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी रेट को 6% से घटाकर 5.75% और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट को 6.5% से घटाकर 6.25% कर दिया गया है यह आरबीआई का स्वागत योग्य कदम है इससे जिन्होंने पहले लोन ले रखी है उनकी किस्त कम होगी और नया घर खरीदने वालों की तादाद में इजाफा होगा जिससे कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री को बूस्ट मिलेगा एवं कंस्ट्रक्शन मैटेरियल सप्लायरों के भी व्यापार में वृद्धि होगी।
आरबीआई के ब्याज दर घटाने से होम लोन की किस्त घटेगी रीपो रेट में कटौती के बाद होम लोन,कार लोन, पर्सनल लोन की ईएमआई कम होना तय माना जा रहा है। आरबीआई के नियमों के मुताबिक,अब बैंकों के होम लोन मार्जिनल कॉस्ट लेंडिंग रेट (MCLR) और रीपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) से जुड़े होते हैं। 2019 में केंद्रीय बैंक ने सभी बैंकों को निर्देश दिया था कि वे नए होम लोन को एक्सटर्नल बेंचमार्क से लिंक करें, क्योंकि बैंक रीपो रेट में कटौती का पूरा फायदा ग्राहकों तक नहीं पहुंचा रहे थे।-
ब्याज दरें घटने के बाद संभावित EMIलोन अमाउंट: 50 लाख रुपयेलोन टेन्योर: 20 सालब्याज दर: 8.0 % सालाना (0.25 फीसदी घटने के बाद रेट)EMI: 41,822 रुपयेकुल टेन्योर में ब्याज: 5,037,281 रुपयेकुल पेमेंट: 1,00,37,281 रुपयेरेपो दर को घटाकर 6 प्रतिशत किए जाने से कार और दोपहिया वाहन के लिए लोन लेने वालों को लाभ मिलने की उम्मीद है। यह रिटेल लोन सेगमेंट का हिस्सा हैं। यदि बैंक ब्याज दर में कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों को देते हैं, तो ऐसे लोन ग्राहकों को उनकी ब्याज दरों में 25 आधार अंकों (0.25 प्रतिशत) की कमी देखने को मिल सकती है।
शंकर ठक्कर ने आगे कहा रेपो रेट कम किए जाने से हाउसिंग लोन, ऑटो लोन की ईएमआई कम होगी जिससे घरों की एवं वाहनों की बिक्री बढ़ेगी जिसका सीधा फायदा उस इंडस्ट्री से जुड़े उद्योगों को एवं व्यापार को मिलेगा मांग बढ़ने से उत्पादन बढ़ेगा और कुल मिलाकर बाजार में तरलता आएगी इसलिए हम इस फैसले का स्वागत करते हैं और आरबीआई के गवर्नर का आभार व्यक्त करते हैं।