मुंबई वार्ता संवाददाता

ठाणे जिले के नवी मुंबई क्षेत्र में ऐरोली खाड़ी किनारे बड़े पैमाने पर कांदळवन (मैंग्रोव) फैले हुए हैं, जहां फ्लेमिंगो पक्षियों का निवास भी होता है। इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मैंग्रोव सफारी पार्क स्थापित करने की संभावनाओं का अध्ययन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश वन मंत्री गणेश नाईक ने दिए हैं।


मंत्रालय में वन मंत्री श्री. नाईक की अध्यक्षता में वन विभाग से संबंधित विभिन्न विषयों पर बैठक आयोजित की गई।
बैठक में महाराष्ट्र इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसफॉर्मेशन (मित्रा) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रवीण परदेशी, वन विभाग के अपर मुख्य सचिव मिलिंद म्हैसकर, प्रधान मुख्य वन संरक्षक शोमिता बिश्वास, उप सचिव विवेक होसिंग, अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक बी.वी. रामाराव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मंत्री नाईक ने कहा कि नवी मुंबई के खाड़ी किनारे पर्यटन विकास के लिए उत्तम अवसर उपलब्ध हैं। कांदळवन और फ्लेमिंगो पक्षी प्रकृति प्रेमियों के लिए आकर्षण बन सकते हैं। इसलिए ऐरोली, घनसोली जैसे क्षेत्रों में वैश्विक स्तर का मँग्रोव पार्क स्थापित किया जा सकता है या नहीं, इसका गहन अध्ययन कर स्थल निरीक्षण कर विस्तृत रिपोर्ट दी जानी चाहिए।साथ ही, वन्यजीव और मानव के बीच संघर्ष को टालने हेतु उचित उपाय किए जाने चाहिए। विशेष रूप से जुन्नर, कराड और संगमनेर क्षेत्रों में बिबट (तेंदुआ) का वावर अधिक है। राजस्थान के जवाई बिबट सफारी की तर्ज पर इन तीन तालुकों में भी बिबट सफारी स्थापित करने की संभावना का अध्ययन करने के निर्देश भी मंत्री नाईक ने दिए।
इसके अलावा, संकटग्रस्त प्रजातियों जैसे रान म्हैस (गौर) और माळढोक (ग्रेट इंडियन बस्टर्ड) के संरक्षण के लिए नागपूर स्थित गोरेवाडा प्रकल्प में अंतरराष्ट्रीय प्रजनन केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है। इसके लिए बॉम्बे नेचरल हिस्ट्री सोसायटी (BNHS) के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर की योजना है, और इस पर शीघ्र कार्यवाही करने के निर्देश श्री. नाईक ने दिए।श्री. परदेशी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय प्रजनन केंद्र और BNHS के साथ समझौता बहुत महत्वपूर्ण है और इसे शीघ्र आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।