● शिवराजेश्वर मंदिर पर मात्र 250 रुपए मासिक अनुदान ●सूचना अधिकार अधिनियम कानून से हुआ खुलासा ● सरकारी भेदभाव पर हिंदू जनजागृति समिति ने उठाई आवाज
वरिष्ठ संवाददाता/मुंबई वार्ता

पिछले कुछ दिनों से औरंगजेब को आक्रांता और उदार बताने की मानों होड़ सी लगी है। इस बीच सूचना अधिकार अधिनियम (आरटीआई) से हुए खुलासे ने नया विवाद पैदा कर दिया है।


हिंदू जनजागृति समिति के राज्य संगठन मंत्री सुनील घनवट ने बताया कि उपलब्ध जानकारी के अनुसार औरंगजेब की कब्र की देखभाल के लिए केंद्र सरकार के भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा हर साल लाखों रुपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है। जबकि मालवण स्थित शिवराजेश्वर मंदिर की देखभाल के लिए दर माह मात्र 250 रुपए ही दिए जाते हैं। आरटीआई द्वारा उपलब्ध जानकारी के अनुसार, वर्ष 2021-22 में 2,55,160 और वर्ष 2022-23 (नवंबर तक) 2,00626 रुपए खर्च किए गए हैं। इस प्रकार अब तक लगभग 6.50 लाख रुपए खर्च किए गए हैं।
घनवट ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि दूसरी ओर सिंधुदुर्ग जिले के किले में स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज के एकमात्र मंदिर के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा सिर्फ 250 रुपए की मासिक सहायता दी जाती है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन्होंने हिंदू धर्म, महाराष्ट्र की संस्कृति और स्वराज की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित किया, उनके मंदिर के लिए इतना कम अनुदान दिया जा रहा है। समिति की मांग है कि औरंगजेब की कब्र के रखरखाव के लिए दी जाने वाली सहायता तत्काल बंद की जाए और छत्रपति शिवाजी महाराज के मंदिर के लिए समुचित आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाए। सरकार को इस मुद्दे पर तुरंत ध्यान देना चाहिए, अन्यथा हिंदू समाज इस अन्याय के खिलाफ तीव्र आंदोलन करेगा।