मुंबई में होने वाले तीन दिवसीय कार्यक्रम में ग्लोबल मैरीटाइम लीडर्स, बंदरगाह प्रमुखों का होगा जमावड़ा
मुंबई वार्ता संवाददाता

फिक्की (FICCI) की ओर से मुंबई के बॉंबे एक्जीबिशन सेंटर में 22 से 24 जनवरी 2025 तक तीसरी मैरीटाइम इंडिया कॉन्फ्रेंस और एक्सपो 2025 का आयोजन किया जा रहा है, जिसका उद्घाटन 22 जनवरी को केंद्रीय बंदरगाह,जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल द्वारा किया जायेगा।
इंडियन पोर्ट्स असोसिएशन द्वारा समर्थित इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में मैरीटाइम सेक्टर के 7,500 से अधिक आगंतुक शामिल होंगे। सम्मेलन में भारत के मैरीटाइम (समुद्री) भविष्य के लिए महत्वपूर्ण छह रणनीतिक विषयों पर चर्चा की जाएगी। एजेंडा का केंद्र स्मार्ट टेक्नालॉजीस और सस्टेनेबल प्रैक्टिसेस के माध्यम से बंदरगाहों का परिवर्तन है, जो समुद्री क्षेत्र के डीकार्बोनाइजेशन में तेजी लाने की पहलों को आगे बढ़ाता है। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स भारत के बढ़ते क्रूज उद्योग और जहाज निर्माण और मरम्मत क्षमताओं में इनोवेशंस पर केंद्रित चर्चाओं में शामिल होने के साथ-साथ मैरीटाइम लॉजिस्टिक्स में बदलावों की बात करेंगे। समुद्री क्षेत्र में इनोवेशन और उभरती हुई तकनीकें पूरे कार्यक्रम में एक क्रॉस-कटिंग थीम बनाती हैं।
भाग लेने वाले प्रमुख बंदरगाह अधिकारियों में जेएनपीए के अध्यक्ष उन्मेश वाघ, न्यू मैंगलोर पोर्ट अथॉरिटी के अध्यक्ष वेंकट रमना अक्काराजू और दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटी के अध्यक्ष सुशील कुमार सिंह शामिल हैं। महाराष्ट्र के परिवहन, बंदरगाह और नागरिक उड्डयन और गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय सेठी, पर्यटन मंत्रालय की महानिदेशक मुग्धा सिन्हा, ओडिशा सरकार की प्रमुख सचिव उषा पाधी और कोचीन शिपयार्ड की प्रबंध निदेशक मधु नायर नीतिगत चर्चाओं में अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ शामिल होंगी।
प्रमुख कार्यक्रम में लाइव प्रदर्शनों और एक्जीबिशंस के माध्यम से अत्याधुनिक समुद्री तकनीकों का प्रदर्शन किया जाएगा, जिसमें वैश्विक उद्योग के लीडर्स की विशेषता वाले एक्सपर्ट्स के पैनल शामिल होंगे। आगंतुकों को समर्पित B2B, B2G और G2G बैठकों सहित स्ट्रक्चर्ड बिजनेस एंगेजमेंट से लाभ होगा। एक विशेष इनोवेशन जोन में मैरीटाइम स्टार्टअप के साथ-साथ नए इंडस्ट्री प्लेयर्स के लिए तकनीकी सल्यूशंस को प्रदर्शित किया जायेगा।
कॉंफ्रेंस का प्रारूप नीति निर्माताओं और उद्योग हितधारकों के बीच सीधे संपर्क पर जोर देता है, जिससे विनियामक प्राथमिकताओं और क्षेत्र सुधारों पर बातचीत की सुविधा मिलती है। इनवेस्टमेंट की चर्चाओं में बंदरगाह आधुनिकीकरण, शिपिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स क्षमताओं पर जोर होगा, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और फंडिंग के अवसरों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। ये पहल 2047 के लिए भारत के मैरीटाइम इंफ्रास्ट्रक्चर विजन के अनुरूप हैं, जो देश की स्वतंत्रता का शताब्दी वर्ष होगा।सम्मेलन में वैश्विक समुद्री नेतृत्व में प्रमुख यूरोपीय बंदरगाहों और शिपिंग कंपनियों के प्रमुख अधिकारी शामिल होंगे, जिनमें पोर्ट ऑफ एंटवर्प ब्रुग्स इंटरनेशनल के क्रिस्टोफ वाटरशूट, पोर्ट ऑफ एसबर्ज के डेनिस जुल पेडरसन और डेमन शिपयार्ड के डिंगमैन वैन वोर्डन शामिल हैं।
डीपी वर्ल्ड के जुआन कार्लोस साहडाला और कोंग्सबर्ग मैरीटाइम के कार्ल अलेक्जेंडर विरेन अंतर्राष्ट्रीय समुद्री प्रौद्योगिकी और संचालन पर दृष्टिकोण साझा करेंगे।भारतीय निजी क्षेत्र की भागीदारी का नेतृत्व फिक्की के उपाध्यक्ष और द सनमार ग्रुप के चेयरमैन विजय शंकर करेंगे। साथ ही फिक्की की ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर समिति के चेयरमैन और जेएम बक्सी ग्रुप के प्रबंध निदेशक ध्रुव कोटक और जेएसडब्ल्यू इंफ्रास्ट्रक्चर के रिंकेश रॉय, चौगुले एंड कंपनी के अर्जुन चौगुले और वाटरवेज लीजर टूरिज्म के जुर्गन बैलोम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इसमें शामिल होंगे।
शॉफ्ट शिपयार्ड के सहाय राज, हेरिटेज रिवर जर्नीज़ के राज सिंह और एस्सार पोर्ट्स के तारकेश तिवारी जैसे उद्योग जगत के अन्य लोगों से भी इस अवसर पर चर्चा की जाएगी।फिक्की की ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर समिति के अध्यक्ष श्री घ्रुव कोटक कहते हैं, “यह प्रमुख समुद्री पहल मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 के साथ संरेखित है, जो भारत के समुद्री परिदृश्य को बदलने के लिए किये गये 300 से अधिक कार्यों का समर्थन करती है।”
डीपी वर्ल्ड में मध्य पूर्व, उत्तरी अफ्रीका और भारत उपमहाद्वीप के एमडी और सीईओ तथा फिक्की नेशनल कमेटी ऑन लॉजिस्टिक्स के अध्यक्ष रिजवान सूमर ने कहा, “भारत का समुद्री क्षेत्र 2024 तक साइन किये हुए 14 एफटीए के उद्देश्यों को साकार करने की क्षमता रखता है, जिसमें यूरोपीय एफटीए के साथ व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौता (टीईपीए) और यूएई के साथ व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) शामिल है। भारत अपनी उभरती और परिपक्व अर्थव्यवस्थाओं के साथ अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए तैयार है, क्योंकि यह 2030 तक 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के निर्यात को प्राप्त करने की दिशा में काम कर रहा है। मैरीटाइम इंडिया कॉन्फ्रेंस और एक्सपो 2025 इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सरकार के साथ सहयोग और साझेदारी के जरिये उद्योग के लिए एक बेहतरीन मंच होगा।”