श्रीश उपाध्याय/मुंबई वार्ता

कौशल विकास विभाग को सशक्त बनाने के लिए विश्व बैंक की सहायता से शुरू की जाने वाली ‘दक्ष’ (डेवलपमेंट अंडर अप्लाइड नॉलेज एंड स्किल्स फॉर ह्यूमन डेवलपमेंट इन महाराष्ट्र) परियोजना के लिए राज्य सरकार तेजी से कार्रवाई करेगी। यह आश्वासन कौशल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा और मुख्य सचिव सुजाता सौनिक ने विश्व बैंक के प्रतिनिधियों को दिया।
मंत्रालय में ‘दक्ष’ परियोजना के संबंध में चर्चा करने के लिए मुख्य सचिव के कार्यालय में बैठक आयोजित की गई। इस अवसर पर मंगल प्रभात लोढ़ा, मुख्य सचिव श्रीमती सौनिक, कौशल विकास विभाग के सचिव गणेश पाटिल, विश्व बैंक के भारत प्रमुख प्रद्युम्न भट्टाचार्य और वरिष्ठ शिक्षा विशेषज्ञ डेनिस निकोलेव उपस्थित थे।
मंत्री लोढ़ा ने कहा कि महाराष्ट्र राज्य नवाचार सोसायटी, राज्य कौशल विकास सोसायटी, राज्य कौशल आयुक्तालय, व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण निदेशालय, तथा महाराष्ट्र राज्य कौशल विश्वविद्यालय के कार्यों में समन्वय स्थापित होगा। इसके साथ ही, समयानुसार आवश्यक कौशल पाठ्यक्रमों को विकसित कर दक्ष परियोजना के माध्यम से वैश्विक स्तर का कुशल मानव संसाधन तैयार किया जाएगा। इस परियोजना में महिलाओं और समाज के प्रत्येक व्यक्ति के लिए समयानुसार कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नवाचार और कौशल विकास पर जोर देने के निर्देश दिए हैं। इस संदर्भ में, वैश्विक कौशल केंद्र विकसित करना और नवाचार नगर स्थापित करना भी चर्चा का हिस्सा था। परियोजना के लिए आवश्यक सुविधाओं के लिए कौशल विकास विभाग की वेबसाइट को अपडेट करने, उच्च स्तरीय समिति की बैठक में आवश्यक निर्णय लेने, और दक्ष परियोजना के लिए 45 मानव संसाधनों को त्वरित स्वीकृति देने के संबंध में मंत्री लोढ़ा ने मुख्य सचिव के साथ चर्चा की।
मुख्य सचिव सुजाता सौनिक ने कहा कि कौशल विकास विभाग को गति प्रदान करने वाली दक्ष परियोजना के लिए सभी विभागों के बीच समन्वय स्थापित कर, उद्योगों की मांग के अनुसार समयानुसार कौशल विकास करना सरकार की प्राथमिकता है। इस परियोजना के तहत सभी निर्णयों को तेज गति से लागू करने का प्रयास किया जा रहा है।
विश्व बैंक के भारत प्रमुख प्रद्युम्न भट्टाचार्य ने कहा कि कौशल विकास विभाग को सशक्त बनाने के लिए विश्व बैंक की सहायता से शुरू होने वाली दक्ष परियोजना देश की सबसे उत्कृष्ट परियोजना साबित होगी। यह परियोजना उद्योगों की मांग के अनुसार समाज के अंतिम वर्ग तक शिक्षा पहुंचाकर कुशल मानव संसाधन तैयार करेगी।
उन्होंने कहा कि कौशल विकास विभाग और इस परियोजना में शामिल सभी का सक्रिय सहयोग आवश्यक होगा।