मुंबई वार्ता संवाददाता

कृषि मंत्री ॲड. माणिकराव कोकाटे ने निर्देश दिए हैं कि किसी भी प्रकार से खाद के साथ लिंकिंग (अन्य उत्पादों के साथ अनिवार्य रूप से बेचना) पाए जाने पर तुरंत कानूनी कार्रवाई की जाए। राज्य के थोक और खुदरा खाद विक्रेताओं की ‘माफदा’ नामक संस्था द्वारा शुरू किए गए खाद क्रय बंद आंदोलन के संदर्भ में सह्याद्री अतिथिगृह में बैठक आयोजित की गई।
इस बैठक में कृषि विभाग के प्रधान सचिव विकासचंद्र रस्तोगी, कृषि संचालक सुनील बोरकर, खाद आपूर्तिकर्ता और उत्पादक कंपनियों के प्रतिनिधि, माफदा सदस्य और कृषि विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।


कृषि मंत्री कोकाटे ने कहा कि खाद विक्रेताओं को किसी भी लिंकिंग वाले खाद की खरीद नहीं करनी चाहिए। अगर उन पर दबाव डाला जाए तो वे इसकी शिकायत कृषि विभाग से करें। तालुका और जिला स्तर पर भी कृषि विभाग को इस संबंध में सख्त निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं।
खाद उत्पादक कंपनियों के प्रतिनिधियों ने बैठक में यह आश्वासन दिया कि भविष्य में किसी भी प्रकार की लिंकिंग नहीं की जाएगी। ‘माफदा’ संस्था ने कृषि मंत्री का आभार जताया और आंदोलन समाप्त करने की घोषणा की। ‘माफदा’ अध्यक्ष विनोद तराळ और सचिव बिपिन कासलीवाल ने संघ का पक्ष रखा।
श्री विनोद तराळ ने कहा कि यदि कंपनियों द्वारा लिंकिंग के माध्यम से खाद की आपूर्ति की जाती है, तो सरकार को इस पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। इस संदर्भ में खाद उत्पादक कंपनियों के प्रतिनिधि और फर्टिलाइजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सचिव डी. रामकृष्ण और महाराष्ट्र शाखा के प्रतिनिधि सुरेश शेटे ने उत्पादकों का पक्ष प्रस्तुत किया।
उन्होंने सब्सिडी वाले खाद की स्थिति और मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने हेतु जैविक, सेंद्रिय और नैनो खाद के उपयोग पर सरकार की नीति की जानकारी दी।