दोनों महिला बंदूकधारी नक्सलियों पर महाराष्ट्र सरकार ने 10 लख रुपए का इनाम रखा था
आत्मसमर्पण करने के बाद दोनों महिला नक्सलियों ने बताया आत्मसमर्पण करने का पूरा मामला
सतीश सोनी/ मुंबई वार्ता

शामला जुरू पुडो उर्फ लीला और काजल मंगरू वड्डे उर्फ लिम्मी नामक दो महिला बंदूकधारी नक्सलियो ने गडचिरोली पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है.


आत्मसमर्पण करने की पूरी हकीकत बयान करते हुए उन्होंने बताया कि गढ़चिरौली पुलिस लगातार गस्त लगा रही थी जिसके कारण जंगल में घूमना मुश्किल हो गया था. नक्सली दल में 24 घंटे खानाबदोश जीवन रहता है इसलिए अगर किसी के स्वास्थ्य को लेकर कोई समस्या हो तो उस पर ध्यान नहीं दिया जाता. मूठभेड के दौरान पुरुष नक्सली भागने में सफल हो जाते हैं. लेकिन महिलाएं मारी जाती है .मुखबिरी के शक में हमारे ही भाइयों को मारने को बोला जाता हैं. माओवादी दल में वरिष्ठ माओवादियों द्वारा महिलाओं के साथ भेदभाव किया जाता हैं. दल में वरिष्ठ कैडर माओवादी आंदोलन लोगों के लिए धन इकट्ठा करने के लिए कहते हैं वे वास्तव में एकत्रित धन का उपयोग अपने लिए करते हैं. एकत्रित धन का इस्तेमाल कभी भी जनता के विकास के लिए नहीं किया जाता.
उन्होंने यह भी बताया कि वरिष्ठ माओवादी नेता गरीबों, आदिवासी युवाओं का इस्तेमाल केवल अपने फायदे के लिए करते हैं. ज्ञात हो कि वर्ष के पहले दिन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस गडचिरोली दौरे पर थे. उस दौरान नक्सली संगठन के बड़ी कैडर की महिला और पुरूष नक्सली तारक्का के साथ 10 नक्सलियों ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सामने आत्मसमर्पण किया था.