मुंबई वार्ता संवाददाता

‘अध्यात्म, वैदिक ज्ञान परंपरा के सच्चे साधक के रूप में गुरूवर्य डॉ. किसन महाराज साखरे की कार्यसाधना आगे कई पीढ़ियों के लिए दीपस्तंभ जैसी प्रकाश देती रहेगी, इन शब्दों में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ज्येष्ठ निरूपणकार, संत साहित्य और अद्वैत वेदांत दर्शन के श्रेष्ठ अभ्यासक गुरूवर्य डॉ. किसन महाराज साखरे को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने शोक संदेश में कहा कि ‘गुरूवर्य डॉ. किसन महाराज ने साधकाश्रम के द्वारा जो किया प्रारंभ है, वह महत्त्वपूर्ण है। वेदांत दर्शन और संत विचारों के साथ से उसके प्रचार-प्रसार के लिए उन्होंने जीवन समर्पित किया। महाराष्ट्र के संतों की साहित्यसंपदा आम लोगों तक पहुँचाने के लिए उन्होंने कीर्तन- निरुपण के माध्यम से अथक प्रयत्न किए। इसके लिए आधुनिक ज्ञान-शिक्षण उपकरणों का उन्होंने प्रभावी ढंग से उपयोग किया। इसी लक्ष्य से उन्होंने अनेकविध मौलिक ग्रंथों की रचना भी की। यह सभी बातें भविष्य की पीढ़ी के लिए तेजोमय दीपस्तंभ के रूप में ज्ञानप्रकाश देती रहेगी। महाराष्ट्र ने एक अलौकिक ज्ञानसाधक, दार्शनिक खो दिया है। मैं ईश्वर से यह प्रार्थना करता हूँ कि उनके साधक परिवार, उनके परिवार को यह दु:ख सहने की शक्ति मिलें। ब्रम्हलीन गुरूवर्य डॉ. किसन महाराज साखरे को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।