मुंबई वार्ता /इंद्रीश उपाध्याय

मरकडवाडी जैसे राज्य के कई गांवों में मतपत्र पर चुनाव कराने का ग्राम सभा का प्रस्ताव।
राज्य में नई सरकार को लेकर लोगों के मन में भ्रम की स्थिति है और लोगों में यह भावना प्रबल हो गयी है कि यह सरकार उनकी राय की नहीं है. यह भावना केवल मरकडवाडी में ही नहीं बल्कि राज्य के हर गांव में है। लोगों की मांग है कि वे बैलेट पेपर पर ही वोट करें और ग्राम सभाएं ऐसे प्रस्ताव पारित कर रही हैं. इस प्रकार की मांग करते हुए महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि,” सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग, दोनों संस्थाओं को इस जनभावना पर ध्यान देना चाहिए.”
विधानमंडल क्षेत्र में मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि अगर मतदाताओं को इस बात को लेकर संदेह है कि मेरा वोट मेरे द्वारा दिए गए उम्मीदवार को जाएगा या नहीं, तो उन्हें संतुष्ट होना चाहिए. मरकडवाडी के लोगों ने मतपत्र पर वोट देने के लिए मॉक पोलिंग कराने का फैसला किया था लेकिन सरकार ने चुनाव आयोग, पुलिस प्रशासन की मदद से उन पर दबाव डाला और उनके खिलाफ मामले दर्ज किए।
चुनाव आयोग को जवाब देना होगा कि 76 लाख वोट कैसे बढ़ गये, लेकिन वे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे हैं. वोट चुराना लोकतंत्र की दिनदहाड़े हत्या है। अगर लोकतंत्र में इस तरह का असंतोष पैदा हुआ है तो इसका समाधान करना होगा।’ यह आरोप लगाते हुए पटोले ने कहा, “एक विपक्षी दल के रूप में हम जनता की इस मांग के लिए सदन और सड़कों पर लड़ेंगे।सरकार को विधानमंडल की परंपरा का पालन करना चाहिए.विधानसभा अध्यक्ष का पद निर्विरोध और उपाध्यक्ष का पद विपक्षी दल को देना महाराष्ट्र विधानमंडल की परंपरा है. दिल्ली विधानसभा में भाजपा के केवल तीन सदस्य होने के बावजूद आम आदमी पार्टी ने भाजपा को विपक्ष के नेता का पद दिया।”
माविया के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस से मुलाकात की और महाविकास अघाड़ी को विपक्ष के नेता का पद देने पर चर्चा की। नाना पटोले ने कहा, उम्मीद है कि सरकार इस बारे में सकारात्मक सोचेगी.