इंद्रीश उपाध्याय/मुंबई वार्ता

छत्रपति शिवाजी महाराज के समावेशी शासन को दृष्टि में रखकर कार्य किया जा रहा है और उनके सपनों का सुशासन स्थापित करने के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्प है। जनकल्याणकारी राज्य की स्थापना के लिए निरंतर प्रयास किए जाएंगे, ऐसा प्रतिपादन उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने किया।
उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के किले उनके मावलों के पराक्रम के साक्षी हैं। ये किले इंजीनियरिंग और वास्तुकला के उत्कृष्ट नमूने हैं, और यहाँ आकर विशेष ऊर्जा व प्रेरणा प्राप्त होती है। इसलिए इन किलों की देश-विदेश में भी ख्याति है। राज्य सरकार किलों और प्राचीन मंदिरों के संरक्षण एवं संवर्धन के कार्य कर रही है। साथ ही, पर्यटकों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराकर एक पर्यटन सर्किट विकसित करने की योजना बनाई जा रही है.
उन्होंने यह भी कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने स्वराज्य की स्थापना करते समय पर्यावरण संरक्षण को भी प्राथमिकता दी। उनकी नौसैनिक शक्ति भारतीय नौसेना के लिए प्रेरणादायी है। नौसेना के ध्वज पर शिवाजी महाराज की प्रतिमा को शामिल किया गया है, जो हमारे लिए गर्व की बात है।भारत-पाकिस्तान सीमा पर कुपवाड़ा, आगरा सहित विभिन्न देशों में भी पिछले वर्ष से शिवाजी महाराज की जयंती मनाई जा रही है। ब्रिटेन से शिवाजी महाराज की ऐतिहासिक “वाघनखे” (बाघ के पंजे जैसे हथियार) भारत वापस लाए गए हैं, जिन्हें देखने के लिए बड़ी संख्या में नागरिक और विद्यार्थी उमड़ रहे हैं।