मुंबई वार्ता संवाददाता

छत्रपति शिवाजी महाराज के 12 किलों को यूनेस्को का विश्व धरोहर दर्जा दिलाने के लिए महाराष्ट्र के संस्कृति मंत्री एड. आशिष शेलार के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल आज पेरिस के लिए रवाना हुआ है।
महाराष्ट्र सरकार ने ‘मराठा सैन्य भूदृश्य’ (Maratha Military Landscape of India) की अवधारणा के तहत छत्रपति शिवाजी महाराज के 12 किलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल करने के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। इन किलों में रायगढ़, राजगढ़, प्रतापगढ़, पन्हाला, शिवनेरी, लोहगढ़, साल्हेर, सिंधुदुर्ग, सुवर्णदुर्ग, विजयदुर्ग, खांदेरी और तमिलनाडु में स्थित जिंजी किला शामिल हैं।
इस प्रस्ताव को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देशानुसार यह प्रतिनिधिमंडल भेजा गया है।छत्रपति शिवाजी महाराज के गढ़-किलों से संबंधित महाराष्ट्र सरकार के इस प्रस्ताव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूनेस्को के पास भेजा है, जिसके लिए मंत्री एड. आशिष शेलार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया। इसके साथ ही, उन्हें प्रस्तुति देने का अवसर प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का भी धन्यवाद किया।इस प्रस्ताव के तहत, महाराष्ट्र सरकार का चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल 22 से 26 फरवरी, 2025 के दौरान पेरिस, फ्रांस में रहेगा।
इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व संस्कृति और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री एड. आशिष शेलार कर रहे हैं। अन्य सदस्यों में अपर मुख्य सचिव विकास खारगे, पुरातत्व और वस्तुसंग्रहालय निदेशालय के उपसंचालक हेमंत दळवी और वास्तु विशेषज्ञ शिखा जैन शामिल हैं।इस पेरिस दौरे के दौरान, इन किलों को विश्व धरोहर दर्जा दिलाने के लिए आवश्यक तकनीकी और राजनयिक प्रस्तुति दी जाएगी। इससे छत्रपति शिवाजी महाराज के गढ़-किलों को वैश्विक पहचान मिलेगी।
यदि यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में इन किलों को शामिल किया जाता है, तो उनके संरक्षण, संवर्धन और पर्यटन विकास के लिए अधिक अवसर उपलब्ध होंगे। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और महाराष्ट्र की सांस्कृतिक धरोहर के महत्व को बनाए रखने और संरक्षित करने में सहायता मिलेगी। यह आशा मंत्री एड. आशिष शेलार ने व्यक्त की है।