मुंबई वार्ता संवाददाता

जीबीएस विषाणू के प्रकोप को रोकने के लिए एसओपी का प्रभावी कार्यान्वयन किया जाना चाहिए। साथ ही, जीबीएस रोगियों की दैनिक अद्यतन जानकारी वैद्यकीय शिक्षण एवं अनुसंधान विभाग के आयुक्त को प्रस्तुत की जानी चाहिए, ऐसे निर्देश वैद्यकीय शिक्षण मंत्री हसन मुश्रीफ ने बैठक में दिए। मंत्रालय में जीबीएस विषाणू के प्रकोप के संबंध में आयोजित समीक्षा बैठक में मंत्री श्री. मुश्रीफ बोल रहे थे।
इस अवसर पर वैद्यकीय शिक्षण एवं अनुसंधान विभाग के आयुक्त राजीव निवतकर, वैद्यकीय शिक्षण एवं अनुसंधान संचालनालय के संचालक डॉ. अजय चंदनवाले, आयुष के संचालक डॉ. रमण घुंगराळेकर आदि प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित थे, जबकि सभी शासकीय वैद्यकीय, आयुर्वेद वैद्यकीय महाविद्यालयों के अधिष्ठाता और टास्क फोर्स के अध्यक्ष दूरदृश्य संवाद प्रणाली के माध्यम से उपस्थित थे।
मंत्री हसन मुश्रीफ ने कहा कि इस वायरस के बारे में नागरिकों में निवारक उपायों के लिए जागरूकता पैदा की जानी चाहिए। जिससे वायरस के प्रसार को रोकने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य प्रणाली को भी आवश्यक दवा आपूर्ति और उपकरण उपलब्ध कराने चाहिए।
जीबीएस रोग के सामान्य लक्षण: ·
अचानक पैरों या हाथों में कमजोरी या लकवा आना· अचानक चलने में कठिनाई या कमजोरी होना·
लंबे समय तक दस्त·
यदि ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं, तो नागरिकों को घबराना नहीं चाहिए और सरकारी अस्पताल में जांच कराकर निवारक उपाय करने चाहिए।
जीबीएस वायरस से बचाव के उपाय: ·
पानी की गुणवत्ता अच्छी रखने के लिए पीने के पानी को उबालकर पिएं।·
ताजे और स्वच्छ खाद्य पदार्थों का सेवन करें। संक्रमण से बचने के लिए पकाए गए और बिना पकाए गए खाद्य पदार्थों को एक साथ न रखें।·
व्यक्तिगत स्वच्छता पर ध्यान दिया जाना चाहिए।