मुंबई वार्ता संवाददाता

जैन धार्मिक ट्रस्टों द्वारा संचालित जैन स्कूलों में प्राकृत, संस्कृत और कंप्यूटर शिक्षा के लिए अनुदान योजना और जैन साधु-साध्वियों के विहार मार्ग में विहार धाम बनाने का निर्णय जैन आर्थिक विकास निगम की दूसरी निदेशक मंडल बैठक में लिया गया। यह जानकारी निगम के अध्यक्ष ललित गांधी ने दी।


यह बैठक राज्य के खेल और अल्पसंख्यक मंत्री माननीय दत्तात्रय भरने की अध्यक्षता में मंत्रालय स्थित मंत्री कक्ष में आयोजित हुई। बैठक में अल्पसंख्यक विभाग के सचिव रूचेश जयवंशी, उप सचिव एम.बी. ताशीलदार, निगम के सदस्य रावसाहेब पाटिल और सुनील पाटनी, प्रबंध निदेशक जी.पी. मगदुम और विशेष आमंत्रित संदीप भंडारी, जयेश ओसवाल और नीरव देढिया के साथ उप सचिव श्रीमती विशाखा आढव और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
ललित गांधी ने निगम की विभिन्न योजनाओं जैसे व्यापार, उद्योग, कृषि ऋण, महिला बचत समूह सहायता, गृह ऋण, विधवा पेंशन आदि की समीक्षा की और इन्हें अप्रैल 2025 से शुरू करने के लिए अतिरिक्त निधि की मांग की।मंत्री दत्तात्रय भरने ने निगम की योजनाओं के लिए पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया और अतिरिक्त निधि के लिए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के साथ बैठक आयोजित करने की घोषणा की।
जैन मंदिर और संघ जैसी पंजीकृत संस्थाओं द्वारा संचालित जैन स्कूलों को प्राकृत और संस्कृत भाषाओं के साथ कंप्यूटर शिक्षा के लिए अनुदान दिया जाएगा। पैदल यात्रा करने वाले जैन साधु-साध्वियों के लिए विहार मार्ग में विहार धाम का निर्माण प्राथमिकता के आधार पर सरकारी या अर्द्ध-सरकारी स्कूल परिसर में किया जाएगा। इससे स्कूलों को भी लाभ होगा।
अल्पसंख्यक मंत्रालय के प्रधान सचिव रूचेश जयवंशी ने निगम के कुशल कार्य के लिए मंत्रालय का पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया।प्रबंध निदेशक जी.पी. मगदुम ने बैठक का संचालन किया और धन्यवाद प्रस्ताव रखा।