सतीश सोनी/मुंबई वार्ता

ठाणे की एंटी नारकोटिक्स सेल ने करोड़ों की MD ड्रग्स तस्करी के मामले में वांटेड निलोफर सेंडोले को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया है। निलोफर बीते 100 दिनों से फरार थी।


निलोफर और उसकी साथी रुबिना, बांद्रा दरगाह गली और म्हाडा ग्राउंड जैसे इलाकों में कुछ वर्करों के ज़रिए MD ड्रग्स बेचवा रही थीं। ये लोग गुजरात से किलो के हिसाब से MD मंगवाकर ठाणे के खेर इलाके में सप्लाई करवाते थे।फरवरी महीने में ठाणे एंटी नारकोटिक्स सेल ने ठाणे के एक रूम से 2.5 करोड़ की MD ड्रग्स बरामद की थी, जो निलोफर की बताई जा रही थी। उस वक्त निलोफर फरार हो गई थी, लेकिन उसके परिवार के एक सदस्य और गुजरात के दो लोगों को पकड़ा गया था।
ठाणे के एंटी नारकोटिक सेल उसकी तलाश में थी। वह समय-समय पर अपनी लोकेशन बदलती रही। आखिरकार पोलिस को खबर मिली कि निलोफर अपनी ड्रग्स पार्टनर रुबिना के साथ स्कूटी से मुंब्रा के कमरे की ओर जा रही है। पोलिस ने पीछा कर विक्रोली हाइवे पर निलोफर को गिरफ्तार कर लिया।गिरफ्तारी के बाद निलोफर को ठाणे सेशन कोर्ट की 5वीं मंज़िल पर एडिशनल सेशन जज श्री गणेश पवार के सामने पेश किया गया, जहां उसे दो दिन की पोलिस कस्टडी मिली थी। इसके बाद आज फिर पेशी हुई, जिसमें कोर्ट ने निलोफर को 6 जून तक मजिस्ट्रेट कस्टडी में भेज दिया।कोर्ट में निलोफर से मिलने के लिए रुबिना, उसके रिश्तेदार, वर्कर और कुछ गुंडों समेत करीब 25 लोग पहुंचे थे।
निलोफर काफी खुश दिखी क्योंकि उसे उम्मीद है कि उसका वकील जल्द ही उसे जमानत पर रिहा करा देगा और वह फिर से अपने ड्रग्स के धंधे को शुरू कर देगी।निलोफर के गिरफ्तारी के बावजूद रुबिना अब भी बांद्रा में अपने वर्करों के जरिए ड्रग्स का धंधा चला रही है। इसलिए बांद्रा पोलिस और जुहू की एंटी टेररिस्ट स्क्वाड को इन पर सख्त नजर रखने की ज़रूरत है, क्योंकि हजारों कॉलेज स्टूडेंट्स और युवा इस MD ड्रग्स की वजह से बर्बाद हो रहे हैं।पोलिस की सख्त कार्रवाई ही युवाओं को बचा सकती है।