सतीश सोनी/मुंबई वार्ता

पनवेल से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां तलोजा जेल से सजा पूरी कर बाहर आए अपराधियों ने फिर से चोरी की वारदातें शुरू कर दीं। इन चोरों ने महज कुछ दिनों में चार गाड़ियां चुरा लीं और नवी मुंबई इलाके में हड़कंप मचा दिया। हालांकि, पनवेल तालुका पुलिस ने सिर्फ पांच दिनों के भीतर इन शातिर चोरों को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम कौशल श्रीरंग पाटिल (22) और रणजीत रामप्रकाश सोनी (36) हैं। पुलिस ने इन दोनों से 4,05,000 रुपये की चोरी की गई संपत्ति बरामद की है, जिसमें एक ऑटो-रिक्शा, एक पिकअप वैन, दो बाइक और पांच मोबाइल फोन है.
पनवेल तालुका पुलिस के वरिष्ठ निरीक्षक गजानन घाडगे के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई, जिसमें पुलिस निरीक्षक आनंद कांबले, सहायक पुलिस निरीक्षक अनिरुद्ध गिजे, पुलिस उपनिरीक्षक हर्षद राजपूत और अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे।
पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि आरोपी मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर रहे थे, जिससे उनका पता लगाना मुश्किल हो रहा था। लेकिन पुलिस टीम ने इलाके के 75 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले, जिसके बाद उनकी पहचान हुई और फिर पुलिस ने उलवा इलाके में जाल बिछाकर तीन दिनों की कड़ी मेहनत के बाद आरोपियों को धर दबोचा।
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि मुख्य आरोपी कौशल पाटिल 21 जनवरी को तलोजा जेल से रिहा हुआ था और महज 24 घंटे के अंदर उसने फिर से चोरी शुरू कर दी। उसने कबूल किया कि उसने अगले ही दिन एक ऑटो-रिक्शा चुरा लिया था।
गिरफ्तार आरोपी कौशल पाटिल पहले भी कई अपराधों में लिप्त रहा है और नवी मुंबई पुलिस थाने में उसके खिलाफ 12 केस दर्ज हैं। वहीं, रणजीत सोनी के खिलाफ ठाणे और नासिक में दो मामले दर्ज हैं।
पनवेल पुलिस की इस कार्रवाई से साफ है कि अपराधियों के लिए अब भागना आसान नहीं। लेकिन इस मामले से यह सवाल भी उठता है कि क्या जेल से रिहा होने के बाद अपराधी सुधरते हैं, या फिर उन्हें सुधारने के लिए कुछ खास कदम उठाने की जरूरत है?