श्रीश उपाध्याय/ मुंबई वार्ता

“ताज महल बिकाऊ नहीं है।” महाराष्ट्र मुख्यमंत्री पद का ख्वाब संजोए एक वरिष्ठ भाजपा नेता को उसकी औकात दिखाते हुए मोठा भाई ने यह बाते कहीं, ऐसी राजनीतिक सूत्रों से जानकारी मिली है.
कुछ दिन पहले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हुए. महायुति को अप्रत्याशित 288 में से 234 सीटों पर विजय प्राप्त हुई. भाजपा अकेले दम पर 132 सीटों पर जीती. स्पष्ट हो गया था कि मुख्यमंत्री पद भाजपा की झोली में ही आया था.
महाराष्ट्र राजनीति के कुछ मौकापरस्त दूसरे की मेहनत से बनाई खिचड़ी पर हाथ मारने की ताक झाक में लग गए. मुंबई की राजनीति से महाराष्ट्र की और फिर राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचे एक मौकापरस्त राजनेता ने भी अपनी चाल चली. पार्टी सूत्रों के अनुसार इस मौकापरस्त ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को मुख्यमंत्री पद के बदले अपनी फितरत के अनुसार एक “डील ” देने की कोशिश की. फिर क्या था मोठा भाई ने उस राजनेता की “डील” पर पानी और उसके मुँह पर कालिक पोतते हुए कहा- ताजमहल बिकाऊ नहीं है।