मुंबई वार्ता संवाददाता
दरार-प्रवण गांवों के पुनर्वास के लिए मौजूदा नीति में सुधार के लिए सुझाव और प्रतिक्रियाएं मांगी जाएं, ऐसे निर्देश सहायता और पुनर्वास मंत्री मकरंद जाधव पाटील ने दिए। इस संदर्भ में अक्टूबर 2022 में सरकार द्वारा नीति निर्धारित की गई थी।
दरार-प्रवण गांवों के पुनर्वास को लेकर सहायता और पुनर्वास मंत्री मकरंद जाधव पाटील की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में आपदा प्रबंधन के निदेशक सतीशकुमार खडके, सह सचिव संजय इंगले, अवर सचिव प्रीतमकुमार जावले सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
अत्यधिक वर्षा, बाढ़, भूस्खलन, जमीन में गहरी दरारें पड़ने, पहाड़ खिसकने या चट्टानें गिरने जैसी आपदाओं से प्रभावित गांवों के पुनर्वास और नागरिक सुविधाएं प्रदान करने के साथ-साथ पुनर्वास के पात्र लाभार्थियों के मानदंडों को इस नीति में शामिल किया गया है। इसके अलावा पुनर्वासित स्थानों पर 12 नागरिक सुविधाएं प्रदान करने का प्रावधान भी नीति में किया गया है।
मंत्री जाधव पाटील ने कहा कि इस नीति के कार्यान्वयन के दौरान क्षेत्रीय स्तर पर कुछ समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए विशेषज्ञों और संबंधित विभागों की सलाह के आधार पर इस नीति में और सुधार संभव हैं। इन सुधारों के लिए क्षेत्रीय स्तर से सुझाव और प्रतिक्रियाएं लेना आवश्यक है।