मुंबई वार्ता संवाददाता

दिव्यांग व्यक्तियों के पास यदि अपंगता प्रमाणपत्र न हो, तो उन्हें सरकारी योजनाओं, विभिन्न रियायतों, शिक्षा, नौकरी और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसे ध्यान में रखते हुए दिव्यांगों का सर्वेक्षण और प्रमाणपत्र वितरण हेतु विशेष मुहिम चलाई जानी चाहिए, ऐसे निर्देश दिव्यांग कल्याण मंत्री अतुल सावे ने दिए हैं।
दिव्यांग कल्याण विभाग का पदभार संभालने के बाद मंत्री अतुल सावे ने विभाग के कार्यों की समीक्षा की। इस अवसर पर दिव्यांग कल्याण विभाग के आयुक्त प्रवीण पुरी, दिव्यांग कल्याण महामंडल के प्रबंध निदेशक प्रकाश थविल, उपसचिव सुनंदा घड्याळे और विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मंत्री सावे ने कहा कि दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभाग द्वारा उन्हें स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे और उनके रोजगार हेतु एक स्वतंत्र नीति तैयार की जाएगी। दिव्यांगों के लिए स्वतंत्र विभाग शुरू करने वाला महाराष्ट्र पहला राज्य है। दिव्यांग लाभार्थियों की आर्थिक सहायता बढ़ाने को लेकर भी सरकार सकारात्मक है। उन्होंने यह भी बताया कि स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से दिव्यांग प्रमाणपत्र वितरण हेतु विशेष शिविर आयोजित किए जाएंगे।
इस बैठक में दिव्यांग विद्यालयों में सुधार, रिक्त पदों की तत्काल भरती, योजनाओं की प्रभावी अमलबजावनी तथा महानगरपालिकाओं के माध्यम से चलाई जा रही दिव्यांगों की योजनाओं पर भी सकारात्मक चर्चा हुई।