मुंबई वार्ता संवाददाता

सिंधुदुर्ग जिले के दोडामार्ग तालुका में किसानों को हो रहे जंगली हाथियों के उपद्रव को रोकने के लिए, वन मंत्री गणेश नाईक ने प्राथमिक प्रतिक्रिया दल (Rapid Response Team) की स्थापना के निर्देश दिए हैं। साथ ही, इन हाथियों को तिलारी बांध के संरक्षित क्षेत्र में ले जाने की योजना बनाने के निर्देश भी उन्होंने दिए।


यह बैठक पूर्व मंत्री और विधायक दीपक केसरकर के अनुरोध पर मंत्रालय में आयोजित की गई थी। बैठक की अध्यक्षता मंत्री नाईक ने की।
इस अवसर पर वन विभाग के अपर मुख्य सचिव मिलिंद म्हैसकर, प्रधान मुख्य वन संरक्षक शोमिता बिश्वास, उप सचिव विवेक होसिंग, और अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक बी.वी. रामाराव आदि उपस्थित थे।
मंत्री नाईक ने कहा कि सिंधुदुर्ग जिले में जंगली हाथियों के कारण किसानों की फसलों को भारी नुकसान हो रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए वन विभाग को एक विस्तृत कार्य योजना तैयार करनी चाहिए। यदि हाथियों को प्राकृतिक आवास में ही रखा जाए तो वे खेतों की ओर नहीं आएंगे। इसके लिए तिलारी प्रकल्प के संरक्षित भाग में हाथियों के लिए बांबू, केले और फणस (कटहल) जैसे पौधे लगाए जाने चाहिए ताकि उनके भोजन की व्यवस्था हो सके।जहाँ हाथियों का विचरण अधिक है, उन क्षेत्रों में रेलवे ट्रैक पर फेंसिंग का भी नियोजन किया जाए। साथ ही, इन हाथियों को रेडियो कॉलर लगाकर उनकी गतिविधियों की निगरानी की जाए। इसके लिए कर्नाटक और पश्चिम बंगाल के वन विभागों के प्रशिक्षित कर्मचारियों से मार्गदर्शन लिया जाए।
वन मंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि वन्य प्राणियों के कारण फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई की राशि बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा जाए, और इस योजना में बांस की फसल को भी शामिल करने का प्रस्ताव तैयार किया जाए।विधायक दीपक केसरकर ने दोडामार्ग तालुका में हाथियों के कारण हो रहे नुकसान की जानकारी देते हुए समस्या के शीघ्र समाधान की अपील की।