मुंबई वार्ता संवाददाता

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता और युवा मुंबई अध्यक्ष एडवोकेट अमोल मतेले ने धर्मार्थ अस्पतालों में व्याप्त कुव्यवस्था पर कड़ा रोष व्यक्त किया है तथा सरकार की लापरवाही की कड़ी निंदा की है।
एडवोकेट अमोल मतेले ने कहा कि मुंबई और पूरे महाराष्ट्र में कई अस्पताल धर्मार्थ संगठनों के रूप में पंजीकृत हैं, लेकिन वास्तव में, गरीबों को वहां उचित चिकित्सा देखभाल नहीं मिलती है। कल पुणे में जो घटना घटी, वह पहली नहीं है, मुंबई और अन्य शहरों में पहले भी ऐसी कई घटनाएं घट चुकी हैं। धर्मार्थ अस्पतालों के नाम पर गरीब मरीजों को लूटा जा रहा है और उनके साथ अनुचित व्यवहार किया जा रहा है।ये अस्पताल सरकारी नियमों का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं। अमीर लोगों को गरीबों के लिए आरक्षित बिस्तरों पर अत्यधिक शुल्क देकर भर्ती किया जाता है। मुफ्त या किफायती इलाज मुहैया कराने के बजाय प्रशासन और अस्पताल मालिक आम जनता को धोखा दे रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार अक्षम्य रूप से इसकी अनदेखी कर रही है। धर्मार्थ अस्पतालों पर कोई प्रभावी नियंत्रण तंत्र नहीं है। ये अस्पताल मनमानी तरीके से काम करके गरीबों के जख्मों पर नमक छिड़क रहे हैं। इससे स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में जनता का विश्वास कम हो रहा है।शरद चंद्र पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने सरकार से इसके खिलाफ कड़ा रुख अपनाने की मांग की है। संबंधित अस्पतालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए और गरीबों को मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के लिए सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए। अन्यथा, पार्टी सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेगी और सरकार को जवाब देने के लिए मजबूर करेगी।