हरीशचंद्र पाठक/मुंबई वार्ता

शनिवार रात 1:30 बजे से दोपहर 2 बजे तक मुंबई में भारी बारिश हुई। अचानक हुई बारिश और नाले की सफाई के अधूरे काम की वजह से धारावी में कई झोपड़ियों और घरों में पानी जमा हो गया है, जिससे कई धारावी निवासियों का जीवन खतरे में पड़ गया है। शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव बालासाहेब ठाकरे पार्टी के पूर्व विधायक बाबूराव माने ने पुरजोर मांग की है कि राज्य सरकार और मुंबई महानगरपालिका प्रशासन इन आपदा प्रभावितों को तत्काल आर्थिक सहायता प्रदान करे।
बता दें कि मुंबई महानगरपालिका के चुनाव दो साल से नहीं हुए हैं। इस वजह से फिलहाल महानगरपालिका में कोई नगरसेवक नहीं है। नगरसेवकों की कमी की वजह से स्थानीय स्तर पर नाले की सफाई, गलियों की सफाई और गलियों में अन्य सफाई के काम ठप पड़े हुए हैं। इन रुके हुए कामों की वजह से शनिवार और रविवार को लगातार हुई बारिश की वजह से झोपड़ियों और घरों में घुटनों से ज्यादा पानी जमा हो गया। इस कारण कपड़े, अन्य घरेलू सामान, बच्चों के स्कूल बैग और नोटबुक का नुकसान हुआ है।
इसके अलावा, इस बारिश ने धारावी में झोपड़ियों और लघु उद्योगों को भी काफी नुकसान पहुंचाया है। बाबूराव माने ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि सरकार को प्राथमिकता के आधार पर झुग्गीवासियों और छोटे घरेलू व्यापारियों को तत्काल आर्थिक सहायता, खाद्यान्न और नोटबुक उपलब्ध कराने की जरूरत है।
शनिवार की सुबह से ही धारावी के इंदिरानगर, शिवशक्तिनगर, शास्त्रीनगर, काला किला, खंबदेवनगर, संग्रामनगर, संगमनगर आदि इलाकों में झोपड़ियों और घरों में पानी भरना शुरू हो गया था। शनिवार को दोपहर 2 बजे तक बारिश का जोर रहा। इसके कारण अधिकांश धारावी निवासियों को शनिवार को ही रविवार की छुट्टी लेनी पड़ी। लेकिन यह छुट्टी छुट्टी नहीं बनी और यह उनके घरों से पानी निकालने का दिन बन गया।
कई झुग्गीवासियों को काफी नुकसान हुआ क्योंकि उनके घरेलू सामान बह गए बाबूराव माने ने राज्य सरकार और मुंबई महानगरपालिका प्रशासन का ध्यान इस ओर आकर्षित किया है।
■ नाली सफाई का काम अधूरा
धारावी के प्रेमनगर, जोगलेकर नाला, खांबदेव, शास्त्री नगर में मीठी नदी के नाले की सफाई का काम अधूरा पड़ा है। वर्तमान में मुंबई महानगरपालिका सत्ता में है। इस वजह से धारावी में नाले की सफाई का काम अधूरा रह गया है, ऐसी आलोचना बाबूराव माने ने की है।चूंकि धारावी में नालों की सफाई का काम मई से पहले नहीं किया गया था।बाबूराव माने ने प्रशासन का ध्यान भी इस ओर आकर्षित किया है।