● भारत में 136 मिलियन प्रीडायबेटिक और 101 मिलियन डायबिटिक वयस्क हैं
मुंबई वार्ता/हरीशचंद्र पाठक

भारत मधुमेह अनुसंधान के लिए मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन (MDRF) के एक नए अध्ययन से पता चला है कि यदि रोज़ के आहार में भुने हुए, बिना नमक वाले पिस्ते (लगभग 30 ग्राम) भोजन से पहले खाए जाएं, तो प्रीडायबेटिक व्यक्तियों में टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम हो सकता है। यह अध्ययन “एशियन इंडियन प्रीडायबेटिक वयस्कों में प्री-मील पिस्ता सप्लीमेंट का कार्डियोमेटाबोलिक जोखिम पर प्रभाव: एक नियंत्रित परीक्षण” शीर्षक से द जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित हुआ है।
इस शोध का नेतृत्व डॉ. वी. मोहन, चेयरमैन, मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन ने किया है। इसमें हार्वर्ड टी.एच. चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ (अमेरिका) के डॉ. वॉल्टर विलेट, डॉ. फ्रैंक हू और डॉ. शिल्पा एन. भूपथिराजू के साथ-साथ युनिवर्सिटेट रोवीरा आई विरजिली, स्पेन के डॉ. जोर्डी सालास-साल्वाडो सहित अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं ने भाग लिया। भारत में 136 मिलियन प्रीडायबेटिक और 101 मिलियन डायबिटिक वयस्क हैं, इसलिए प्रभावी आहार उपायों की अत्यधिक आवश्यकता है।
डॉ. वी. मोहन ने कहा, “12 सप्ताह के इस परीक्षण में 120 प्रीडायबेटिक व्यक्तियों को शामिल किया गया। रोज़ाना नाश्ते और रात के खाने से पहले 30 ग्राम पिस्ता खाने से ग्लाइकोसाइलेटेड हीमोग्लोबिन का स्तर और भोजन के बाद रक्त शर्करा का स्तर कम हो गया। साथ ही, वजन में कमी, ट्राइग्लिसराइड्स में 10% की गिरावट और कमर की चौड़ाई में कमी देखी गई, जिससे टाइप 2 डायबिटीज का खतरा टाला जा सकता है।”
डॉ. शिल्पा एन. भूपथिराजू ने स्पष्ट किया कि आहार में पिस्ता जोड़ने से कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है और प्रोटीन व स्वस्थ वसा की मात्रा बढ़ती है। भारतीय आहार में लगभग आधी कैलोरी परिष्कृत चावल से प्राप्त होती है.सुमित सरन, इन-कंट्री मार्केट प्रतिनिधि, अमेरिकन पिस्ताचियो ग्रोअर्स, ने कहा, “भारत अमेरिकी पिस्तों के लिए एक बड़ा बाजार है।