सकल जैन समाज और नांदणी मठ की ओर से मुख्यमंत्री को प्रदान की गई ‘प्रजागर्क’ की उपाधि
श्रीश उपाध्याय/ मुंबई

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा की कि- नांदणी स्थित स्वस्तिश्री जिनसेन भट्टारक पट्टाचार्य महास्वामी संस्थान मठ को शीघ्र ही ‘ए’ श्रेणी तीर्थस्थल का दर्जा दिया जाएगा और मठ को आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। वे मठ में आयोजित पंचकल्याण प्रतिष्ठा महामस्तकाभिषेक महोत्सव समारोह में बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि,” कोल्हापुर जिले में पहली बार आते हुए मुझे प्रसन्नता हो रही है और जैन समाज के ऐतिहासिक एवं सबसे बड़े कार्यक्रम में उपस्थित रहने का अवसर मिला। नागपुर में जैन ट्रेड ऑर्गनाइजेशन कार्यक्रम में जैन समाज का एक अलग रूप देखने को मिला और आज फिर इसी समाज का विशिष्ट स्वरूप देखने को मिला। नागपुर में देश के लिए व्यापार और व्यवसाय में योगदान देने वाले लोग मिले और आज कोल्हापुर जिले में काली मिट्टी की सेवा करने वाले किसान मिले।”
कार्यक्रम में चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ, सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश आबिटकर, विधायक डॉ. राजेंद्र पाटिल-यडरावकर, राहुल आवाडे, अमल महाडिक, अशोक माने, शिवाजी पाटिल, पूर्व मंत्री सुरेश खाडे, पूर्व सांसद निवेदिता माने, राजू शेट्टी, पूर्व विधायक प्रकाश आवाडे, जैन समाज के आचार्य विशुद्ध सागर महाराज, मठाधीश, 10 आचार्य महाराज और 7 मुनि महाराज उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्यमंत्री फडणवीस के हाथों वस्तुत्व महाकाव्य ग्रंथ की प्रतिकृति का प्रकाशन हुआ। सकल जैन समाज और मठ की ओर से उन्हें ‘प्रजागर्क’ की उपाधि प्रदान की गई।
मुख्यमंत्री देवेन्द्र ने कहा कि, ” नांदणी मठ में एक अलग जैन शासन देखने को मिलता है। जैन तत्व ‘जियो और जीने दो’ आज भी शाश्वत हैं, जबकि दुनिया में कई विचारधाराएं आईं और गईं। जैन समाज सबसे अधिक समाजसेवा करने वाला समाज है और इसने सभी क्षेत्रों में प्रगति की है। संपूर्ण जीवसृष्टि को बचाने के विचार जैन विचारधारा में मिलते हैं।”
मुख्यमंत्री देवेन्द्र ने घोषणा की कि महाराष्ट्र में देश का पहला जैन महामंडल स्थापित किया गया है। उन्होंने महामंडल को और मजबूत बनाने का वादा किया, ताकि युवाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सके। उन्होंने मठ द्वारा दी गई उपाधि के योग्य बने रहने का प्रयास करने का आश्वासन भी दिया।
अलमट्टी मुद्दा
स्थानीय विधायकों की शिरोल तालुका में बाढ़ नियंत्रण के लिए ठोस उपायों की मांग पर मुख्यमंत्री देवेन्द्र ने कहा कि, “सरकार अलमट्टी मामले पर नज़र रखे हुए है। इसके लिए एक समिति का गठन किया गया है और उसकी रिपोर्ट अंतिम चरण में है। सरकार बाढ़ की स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास कर रही है और आवश्यकता पड़ने पर सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाएगी।”