रवीन्द्र मिश्रा । मुंबई वार्ता

तुंगारेश्वर के उत्तंग पहाड़ियों पर स्थित परशुराम कुण्ड के बालयोगी सदानंद महाराज आश्रम पर 2 मे से लेकर 4 मे तक विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है ।
बालयोगी सदानंद महाराज के शिष्य पुरुषोत्तम पाटिल से मिली जानकारी के अनुसार प्रति वर्ष अक्षय तृतीया के अवसर पर पिछले 54 वर्षों से परशुराम कुण्ड पर तीन दिवसीय विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं । यह कार्यक्रम बालयोगी सदानंद महाराज के परशुराम कुण्ड को अपनी तपस्थली बनाए जाने के उपलक्ष्य में यहां भक्तों द्वारा आयोजित किया जाता है ।


ज्ञात हो बालयोगी सदानंद महाराज का जन्म भायंदर पश्चिम स्थित राई गांव में हुआ था ।उम्र के 12 वर्ष में तपस्या करने के लिए बालक सदानंद अपने माता-पिता को साथ लेकर तुंगारेश्वर पहाड़ी के उच्च शिखर पर स्थित परशुराम कुण्ड पर तपस्या करने चले आए थे ।27 अप्रैल 1971को अपने माता-पिता के साथ अपना सब कुछ गांव के एक मंदिर को दान देकर तपस्या करने के लिए परशुराम कुण्ड पर 1 मे को पहुंचे थे । बचपन से ही तपस्या करने के कारण उन्हें बालयोगी कहा जाता है । वे महाराष्ट्र के पहले संत हैं जो मां बाप को साथ लेकर तपस्या करने के लिए तुंगारेश्वर के भीषण जंगल में चले आए थे । जब कि गोस्वामी तुलसीदास ने कलयुगी संतो के विषय में श्री राम चरित मानस के उत्तरकांड में लिखा है कि नारि मुई गृह संपत्ति नाशी । मुड़ मुड़ाय भये संन्यासी । आज कल इस युग में अक्सर यही देखा जा रहा है । कुछ ऐसे संन्यासियों के विसय जानकारी मिली कि वे किसी कारण वश गृह त्याग कर काशी में जा कर मुड़ मुड़ा कर संन्यास ले लिया ।दंड कवंडल भी धारण किया । लेकिन माया को वे नहीं छोड़ सके ।आज कल वे वापस अपने गांव आ गये है और गेरुआ वस्त्र पहन कर गृहस्थी का कार्य करते देखे जा रहे हैं ।
लोगों का कहना है कि ऐसे संन्यास लेने का क्या फायदा । ऐसे संत तो लोक परलोक दोनों गंवा बैठे है ।लेकिन बालयोगी सदानंद महाराज में इस तरह के कोई अवगुण नहीं है । बालयोगी सदानंद महाराज के बहुत से भक्त इन्हें सिद्ध पुरुष भी मानते हैं । यही कारण है कि उनके भक्तों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है ।। सदानंद महाराज संत ज्ञानेश्वर की ज्ञानेश्वरी को जन जन तक पहुंचाने का वीणा उठाया है ।वे समय-समय पर देश विदेश में ज्ञानेश्वरी का पारायण भी कराते रहते हैं । बालयोगी सदानंद महाराज आश्रम परशुराम कुण्ड पर विभिन्न पार्टियों के राजनेता, सामाजिक क्षेत्रों में ख्याति प्राप्त लोग, फिल्म तथा मीडिया से जुड़े लोगो को अक्सर बाबा जी का आशीर्वाद लेते देखा जाता है 2 मई शुक्रवार को विष्णुयाग का शुभारंभ बाबा के हाथों किया जाएगा । 3 तथा 4 मई को मुफ्त आरोग्य शिविर आयोजित किया गया है । जहां लोगों का बाबा द्वारा बनाई गई जड़ी बूटियों से उनका मुफ्त इलाज किया जाएगा । 4 मई की रात 9बजे बालयोगी सदानंद महाराज द्वारा लिखित नाटक का मंचन उनके भक्तों द्वारा किया जाएगा । इस अवसर पर महाराष्ट्र भूषण ह प,भ डोंबिवली के प्रकाश म्हात्रे का भजन कीर्तन, भजन रत्न महादेव बुवा शहाबाजकर, श्रीमती मीनल ताई पाटिल, द्वारा ( कुमार गंधर्व) पर आधारित शास्त्रीय संगीत, वडवली के माउली हरीपाठ मंडल, जनार्दन भजन मंडल, शिव प्रासदिक भजन मंडल, हनुमान प्रासादिक भजन मंडल, सहित अन्य भजन मंडल के लोग अपनी प्रस्तुति देंगे ।
भक्तों को यह जानकर खुशी होगी कि पारोल फाटा से लेकर परशुराम कुण्ड तक सुंदर सड़क का निर्माण हो चुका है । यहां कोई भी भक्त अपनी दो पहिया या चार पहिया वाहन से आसानी से बालयोगी सदानंद महाराज आश्रम पहुंच सकता है ।