पहलगाम में ३०० किमी अंदर आकर नरसंहार करने वाले आतंकी लौट कैसे गए? युद्धविराम अमेरिका के दबाव में क्यों किया गया क्या? : हर्षवर्धन सपकाल।

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■ नांदेड़ में कांग्रेस की “जय जवान, जय किसान, जय हिंद” तिरंगा रैली को जबरदस्त प्रतिसाद।

मुंबई वार्ता संवाददाता

पहलगाम में ३०० किलोमीटर अंदर घुसकर आतंकवादियों ने २६ निर्दोष नागरिकों की हत्या की और वे आज तक पकड़े नहीं गए, यह सरकार की नाकामी है। वे आतंकी इतनी गहराई तक घुसे कैसे और सुरक्षित वापस कैसे चले गए? इसका जवाब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज तक नहीं दिया। जब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को कब्जे में लेने का मौका था, तब अचानक युद्धविराम क्यों किया गया? क्या डोनाल्ड ट्रम्प की धमकियों से डरकर युद्ध रोका गया? इन सवालों का जवाब बीजेपी सरकार को देना ही होगा, ऐसा बयान महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने दिया।

आज नांदेड़ में कांग्रेस की ओर से “जय जवान, जय किसान, जय हिंद” तिरंगा रैली निकाली गई। इस रैली में प्रदेश उपाध्यक्ष मोहन जोशी, सांसद प्रो. रविंद्र चव्हाण, सांसद डॉ. शिवाजी कालगे, जिलाध्यक्ष हनुमंत पाटील बेटमोगरेकर, शहर अध्यक्ष अब्दुल सत्तार, माधवराव पाटील जवळगावकर, सुरेश गायकवाड समेत बड़ी संख्या में कांग्रेस पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल हुए।

इस अवसर पर हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में हमारे वीर जवानों ने जो साहस दिखाया, उनके अभिनंदन के लिए ही यह रैली निकाली गई है। यह रैली भारत-पाकिस्तान, चीन और करगिल युद्ध, १९४८ के शहीदों, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, महात्मा गांधी और पहलगाम में मारे गए पर्यटकों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित की गई है। देश की सीमाओं पर जवान लड़ रहे हैं, तो किसान यहाँ खेत जोतकर सबका पेट भरता है—उनके प्रति कृतज्ञता जताने के लिए यह रैली निकाली गई है।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह महाराष्ट्र के दौरे पर तीन दिन थे, उन्होंने नांदेड़ में सभा की, लेकिन किसान कर्जमाफी, बहनों को २१०० रुपये देने, दो सिलेंडर मुफ्त देने जैसे चुनावी वादों पर उन्होंने एक शब्द नहीं कहा। युद्धविराम क्यों किया गया, इस पर भी वे चुप रहे। अमेरिका के दबाव पर कोई सफाई नहीं दी और सिर्फ कांग्रेस पर हमला किया।अमित शाह और बीजेपी को कांग्रेस पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। कांग्रेस ने देश को आज़ादी दिलाई। इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान को दो टुकड़ों में बाँटा, लाल बहादुर शास्त्री ने “जय जवान, जय किसान” का नारा दिया, इंदिरा और राजीव गांधी ने देश के लिए बलिदान दिया। लेकिन बीजेपी और मुस्लिम लीग का पुराना रिश्ता है, बीजेपी के वैचारिक पूर्वजों ने मोहम्मद अली जिन्ना की पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी, श्यामा प्रसाद मुखर्जी उसमें मंत्री थे। द्विराष्ट्रवाद का सिद्धांत किसने दिया, यह सबको पता है।बीजेपी और आरएसएस का स्वतंत्रता संग्राम में कोई योगदान नहीं था। तिरंगे से इनका विरोध रहा है, ५० वर्षों तक संघ कार्यालय पर तिरंगा तक नहीं फहराया गया। ऐसे लोगों को कांग्रेस पर बोलने का अधिकार नहीं है, ऐसा कड़ा संदेश सपकाळ ने दिया।

नांदेड़ में बीजेपी की “शंखनाद सभा” आयोजित की गई, लेकिन बीजेपी को शायद यह भी नहीं पता कि शंख कब फूंका जाता है। जो लोग कल तक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे, वे अब “शंखनाद” कर रहे हैं। कांग्रेस में रहते हुए अशोक चव्हाण को “महाराष्ट्र केसरी” कहा जाता था और उनके पिता शंकरराव चव्हाण “हिंद केसरी” थे।

शंकरराव देश के रक्षा और गृह मंत्री रहे। नांदेड़ कभी महाराष्ट्र और देश का नेतृत्व करनेवाला शहर था, लेकिन अशोक चव्हाण ने उसका गौरव मिटा दिया।अमित शाह ने नांदेड़ में कांग्रेस की सरकारों की आलोचना की, जिससे शंकरराव चव्हाण और नांदेड़ का अपमान हुआ। लेकिन यह अपमान होते वक्त उनके पुत्र अशोक चव्हाण चुपचाप बैठे रहे, यह भी हर्षवर्धन सपकाल ने खासतौर पर उल्लेख किया।

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