■ रवि वर्मा ने १४ नौसेना जहाजों और पनडुब्बियों का संवेदनशील डेटा पाकिस्तानी एजेंटों के साथ साझा किया
मुंबई वार्ता/सतीश सोनी

महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) द्वारा पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए ठाणे के जूनियर इंजीनियर रवि वर्मा से पूछताछ में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। हनीट्रैप में फंसे रवि वर्मा ने १४ अलग-अलग भारतीय युद्धपोतों और पनडुब्बियों से जुड़े संवेदनशील डेटा पाकिस्तानी एजेंटों के साथ साझा किया है ।
२७ वर्षीय रवि वर्मा एक रक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी में जूनियर इंजीनियर के रूप में काम करता था और कंपनी के कर्मचारी के रूप में वह दक्षिण मुंबई में नौसेना डॉकयार्ड में प्रवेश कर सकता था। वर्मा नौसेना के जहाजों पर काम करता था। नौसेना डॉकयार्ड में मोबाइल प्रतिबंधित होने की जानकारी होने के बावजूद वर्मा युद्धपोतों और पनडुब्बियों पर काम करते हुए ऑपरेशन और अन्य तकनीकी विवरणों को याद रखता था।डॉक से निकलने और मोबाइल तक पहुंच हासिल करने के बाद वर्मा लिखित रूप में या व्हाट्सएप के जरिए वॉयस नोट्स के जरिए पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों को जानकारी भेजता था।
पता चला है कि वर्मा पाकिस्तानी एजेंट पायल शर्मा के साथ-साथ एस्प्रिट के फेसबुक अकाउंट को भी संवेदनशील जानकारी भेजता था। वर्मा को एक पाकिस्तानी एजेंट ने हनीट्रैप में फंसाया था, जिसने खुद को प्रीति जायसवाल बताया था। महिला ने नवंबर २०२४ में वर्मा से ऑनलाइन दोस्ती की थी और नौसेना के युद्धपोतों के कामकाज और आंतरिक व्यवस्था में गहरी दिलचस्पी दिखाई थी। महिला ने युद्धपोतों और पनडुब्बियों से संबंधित एक परियोजना पर काम करने का दावा किया और इस बहाने वर्मा से मदद मांगी। परियोजना पूरी होने के बाद वर्मा से व्यक्तिगत रूप से मिलने का वादा करके उसे बहकाया गया था।