सतीश सोनी/मुंबई वार्ता

सैफ अली खान का पैतृक घर मध्य प्रदेश के भोपाल में है। उनके दादा ब्रिटिश शासन के दौरान भोपाल के नवाब थे। इसके बाद उनके पिता भी हरियाणा के पटौदी के नवाब बने। ऐसे में जब 1960 में भोपाल के नवाब की मृत्यु हो गई तो संपत्ति में हिस्सा पाने के लिए पाकिस्तान गए शहरयार खान और उनके भाइयों ने अपना हिस्सा मांगा, जिस पर लंबी कानूनी लड़ाई के बाद फैसला सैफ अली के पक्ष में हुआ.
खान और उनका परिवार भारत में रहता है। संपत्ति का बंटवारा शरिया कानून के मुताबिक किया जाएगा. दरअसल हुआ यूं कि नवाब की मौत के बाद संपत्ति का बंटवारा शरिया कानून के मुताबिक किए जाने का फैसला लिया गया। इसके मुताबिक, सैफ अली खान के परदादा नवाब मुहम्मद सरवर अली खान भोपाल के नवाब के उत्तराधिकारी थे। सैफ अली खान के दादा इफ्तिखार अली खान छोटे थे। ऐसे में शरिया कानून के मुताबिक बड़े बेटे को ही वारिस माना जाएगा, लेकिन भारत में सैफ की मां शर्मिला टैगोर ने इस फैसले को चुनौती दी.पाकिस्तान क्रिकेट में ‘बॉस’ रहे सैफ अली खान के चाचा को पटौदी का वारिस कहा गया, लेकिन उन्हें एक भी पैसा नहीं मिला.