मुंबई वार्ता संवाददाता

कराड तालुका स्थित ‘पाल’ देवस्थान ‘बी’ वर्ग का देवस्थान है। इस देवस्थान पर बड़ी संख्या में पर्यटक और भक्तगण दर्शन के लिए आते हैं। पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने और इस स्थान का पर्यटन के रूप में विकास करने की आवश्यकता है। इसी संदर्भ में, सातारा जिला कलेक्टर कार्यालय को ‘पाल’ देवस्थान को पर्यटन स्थल घोषित करने के लिए एक विस्तृत प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश पर्यटन, खनिकर्म एवं पूर्व सैनिक कल्याण मंत्री शंभूराज देसाई ने दिए।
मंत्रालय में पाल (ता. कराड) स्थित ‘बी’ वर्ग देवस्थान में भक्तों और पर्यटकों को सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु एकीकृत धार्मिक पर्यटन विकास योजना तैयार करने और ‘पर्यटन पुलिस’ की तैनाती से संबंधित समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
इस बैठक में उत्तर कराड के विधायक मनोज घोरपडे, पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव अतुल पाटणे, महाराष्ट्र पर्यटन विकास महामंडल (MTDC) के प्रबंध निदेशक मनोजकुमार सूर्यवंशी, पर्यटन विभाग के उप सचिव श्री पवार, पर्यटन संचालनालय के निदेशक बी. एन. पाटील, महाराष्ट्र राज्य सुरक्षा मंडल के राहुल श्रीरामे तथा मेस्को की प्रबंध निदेशक वर्षा लढ्ढा उपस्थित थे।
‘पाल’ को पर्यटन स्थल का दर्जा देने की प्रक्रिया जल्द पूरी करें
पर्यटन मंत्री शंभूराज देसाई ने कहा कि ‘पाल’ को पर्यटन स्थल का दर्जा देने के लिए सभी तकनीकी पहलुओं पर विचार कर पूर्ण प्रस्ताव एक माह के भीतर प्रस्तुत किया जाए। इसके अलावा, पर्यटन विकास के लिए सरकारी भूमि को प्राथमिकता देने के निर्देश भी उन्होंने दिए।
पर्यटकों की सुरक्षा के लिए ‘पर्यटन पुलिस’पर्यटन
मंत्री शंभूराज देसाई ने कहा कि राज्य में आने वाले पर्यटकों को सुरक्षित माहौल प्रदान करने और उन्हें राज्य की संस्कृति, इतिहास, पर्यटन स्थल, कानून, नियमों और आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराने के लिए पर्यटन स्थलों पर ‘पर्यटन पुलिस’ की नियुक्ति की जाएगी।
उन्होंने बताया कि सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी, महाराष्ट्र सुरक्षा बल तथा अन्य संस्थानों के माध्यम से इन ‘पर्यटन पुलिस’ की भर्ती की जाएगी। महाबलेश्वर में आयोजित होने वाले ‘महाराष्ट्र पर्यटन महोत्सव’ में प्रायोगिक रूप से 50 पर्यटन पुलिसकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण देकर तैनात किया जाएगा। इसके लिए राज्य सुरक्षा मंडल और मेस्को को शीघ्र ही अपने उपलब्ध कर्मचारियों की सूची प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए।
पर्यटन मंत्री शंभूराज देसाई ने कहा कि ‘पर्यटन पुलिस’ की इस नई पहल से पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की सुरक्षा बढ़ेगी, सतत पर्यटन पद्धति को संरक्षित किया जा सकेगा और पर्यटन के स्थायी विकास को बढ़ावा मिलेगा।