पूरा विश्व देख रहा है भारत का पराक्रम : संजय पाण्डेय।

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शिव पूजन पांडेय/मुंबई वार्ता

जौनपुर में फिल्म शूटिंग करने पहुंचे है भोजपुरी अभिनेता उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में चल रही भोजपुरी फिल्म की शूटिंग में बतौर मुख्य विलेन का किरदार निभा रहे भोजपुरी फिल्म अभिनेता संजय पाण्डेय ने भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर पर बोलते हुए कहा कि मोदी जी को चाहिए था कि पाकिस्तान को और सबक सिखाए, क्योंकि वो लोग कभी सुधरने वाले नहीं है। हमारी सेना ने उन्हें घुस कर मारा, लेकिन फिर भी वो अपनी बहादुरी का राग अलाप रहे हैं, पता नहीं कौन सी बहादुरी उनकी है, जिसका कोई सबूत ही नहीं है, जबकि भारतीय सेना का पराक्रम आज पूरा विश्व देख रहा है।

मीडिया से संजय पाण्डेय ने कही यह बातमीडिया से बात करते हुए अभिनेता संजय पाण्डेय ने कहा कि मेरा जन्म 1972 में हुआ है, उसके पहले 71 की लड़ाई हुई जिसमें हम जीते, कारगिल में भी हमने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया, लेकिन ये सुधरने वाले नहीं है, इसलिए मोदी जी को चाहिए था इन्हें अभी और सबक सिखाए इस बार तो और होना चाहिए था, अभी रुकना नहीं चाहिए था।

● सिनेमा जगत को जौनपुर ने दिए हैं कई कलाकार :

संजय पिछले 25 वर्षों से भोजपुरी फिल्मों में अभिनय करने वाले संजय पाण्डेय ने जौनपुर में चल रही फिल्म की शूटिंग के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि मेरा जन्म आजमगढ़ में हुआ है, मै चाहता हूं वहां भी जा कर शूटिंग करुं, क्योंकि यूपी में अब बढ़िया लोकेशन शूटिंग के लिए मिल रहे हैं और सरकार सुविधाएं भी दे रही है। जौनपुर में कई बार आना हुआ और हर बार जौनपुर में शूटिंग का अनुभव बढ़िया रहा। इस फिल्म के हीरो सत्यम सिंह भी जौनपुर के रहने वाले हैं भले ही ये उनकी दूसरी फिल्म है, लेकिन उनके अंदर अभिनय की कला बहुत अच्छी है जो निश्चित ही उन्हें कामयाबी तक ले जाएगी। उन्होंने कहा कि जौनपुर ने सिनेमा जगत को कई दिग्गज कलाकार दिए हैं, जिसमें एक भोजपुरी के महानायक रवि किशन भी है।आज भी संभाल कर रखे हैं पहली कमाई का चेकसंजय पाण्डेय ने अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए कहा कि जब मुझे पहली बार एक दिन का दो हजार रुपए का पहला चेक मिला था, तो उस चेक को मैंने भगवान के सामने रखा और उसकी फोटो कॉपी आज भी संभाल कर रखा हूं। उस वक्त दो हजार बहुत होते थे। थियेटर जगत से फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने वाले संजय पाण्डेय ने बताया कि सिनेमा और थियेटर में जमीन आसमान का फर्क होता है। यहां आपको रीटेक का मौका रहता है लेकिन थियेटर में आपके सामने ऑडियंस होती है और आपको अपना किरदार बगैर किसी रीटेक के निभाना होता है।

● अभिनय सीखने से आता है ना कि बॉडी बनाने से :

संजयअभिनेता संजय पांडेय ने आजकल के युवाओं को संदेश दिया कि महज बॉडी बना कर एक्टिंग नहीं सीखी जा सकती, अगर आपको अच्छा एक्टर बनना है तो उसे सीखना पड़ेगा, उसकी क्लास लेनी पड़ेगी, तभी आप अच्छे अभिनेता बन सकते हैं।

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