● 7 आरोपी गिरफ्तार
● 7.63 करोड़ के 17 वाहन बरामद.
श्रीश उपाध्याय/मुंबई वार्ता

मुंबई क्राइम ब्रांच ने फर्जी कागजात के आधार पर गाड़ियां लोन पर लेने के बाद उन्हें विभिन्न राज्यों में बेचकर आम लोगों और बैंक से करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है. इस बात की जानकारी मुंबई क्राइम ब्रांच के पुलिस उपायुक्त दत्ता नलावाडे ने एक प्रेस सम्मेलन के दौरान दी है.


प्राप्त जानकारी के अनुसार आरोपी प्रदीप रविन्द्र शर्मा ने नवंबर 2022 में घाटकोपर पूर्व स्थित महिंद्रा फायनान्शियल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से बनावट कागजात के आधार पर महिंद्रा की 16 लाख मूल्य की थार गाड़ी खरीदी लोन पर ली. इस मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस ने प्रदीप शर्मा के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर लिया.


मामले की समानांतर जांच कर रही मुंबई क्राइम ब्रांच 3 के सहायक पुलिस निरीक्षक अमोल माली ने जांच शुरू करने के 15 दिनों के अंदर इस गोरखधंधे के अंतरराज्यीय रैकेट का पर्दाफाश कर दिया. मुंबई क्राइम ब्रांच ने मामले की गंभीरता को देखते हुए क्राइम ब्रांच की 10 टीमें बनाकर इंदौर, अहमदाबाद में छिपे आरोपियों को पकड़ने की तैयारी शुरू की.
क्राइम ब्रांच ने कुल 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर 7.63 करोड़ मूल्य की विभिन्न कंपनियो की 16 कार बरामद की.
● कैसे काम करता था यह गैंग ?
इस गैंग के लोग फर्जी कागजात के आधार पर कार लोन लेकर कार खरीदते थे. फिर उस कार के फर्जी कागजात बनाकर, चेचिश नंबर बदलकर दूसरे राज्यों में ले जाकर बेंच देते थे . इस प्रकार लोन लेकर फाइनेंस कंपनी और दोबारा कार बेचकर आम लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रहे थे.
फिलहाल क्राइम ब्रांच ने इस गोरखधंधे का पर्दाफाश कर दिया है और मामले की आगे जाँच की जा रही है.
सह पुलिस आयुक्त (अपराध) लखमी गौतम, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त शशि कुमार मीना, पुलिस उपायुक्त दत्ता नलावाडे, सहायक पुलिस आयुक्त सुनील चंद्र मोरे के निर्देशानुसार उक्त कार्रवाई क्राइम ब्रांच 3 के प्रभारी पुलिस निरीक्षक सदानंद येरेकर एवं टीम ने की है.