मुंबई वार्ता/सतीश सोनी

सहारा पुलिस ने फर्जी परमिट के आधार पर भारत से खाड़ी देशों में काम करने जा रहे ४ नेपाली युवकों को गिरफ्तार किया है। वे नेपाल से बिहार के रास्ते भारत आए थे। पिछले सप्ताह भी इसी तरह से अवैध तरीके से विदेश जाने की कोशिश में ६ नेपाली युवकों को गिरफ्तार किया गया था।
गुरुवार २९ मई को चार यात्री जोगेंद्र दास, अनीस कुमार दास, सिंधु कुमार झा और जोगेंद्र झा इमिग्रेशन सत्यापन के लिए आए थे। ये सभी युवक नेपाली नागरिक थे। इनके पास यूएई का वीजा और विदेशी रोजगार परमिट (एफईपी) था। चारों दोहा और दुबई में काम करने जा रहे थे। इमिग्रेशन अधिकारी को विदेशी रोजगार परमिट (एफईपी) पर शक हुआ। मामले पर पूछताछ के दौरान चारों संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। इसलिए सत्यापन के लिए नेपाल सरकार के विदेशी रोजगार परमिट विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर छह युवकों के नाम की जांच की गई। हालांकि, वहां उनके नाम नहीं थे। इसके बाद चारों के विदेशी रोजगार परमिट (एफईपी) को ईमेल के जरिए सत्यापन के लिए नेपाली दूतावास भेजा गया।
नेपाली दूतावास ने बताया कि चारों लोगों को ऐसा कोई परमिट जारी नहीं किया गया है और उनके पास जो परमिट थे, वे फर्जी थे। इसलिए चारों को सहार पुलिस के हवाले कर दिया गया। सहार थाने में उनके खिलाफ विभिन्न मामले दर्ज किए गए हैं।
इस संबंध में जानकारी देते हुए सहार पुलिस ने बताया कि चारों नेपाली एजेंट के जरिए भारत आए थे। पहले वे सड़क मार्ग से बिहार के पटना आए। बाद में वे विमान से मुंबई आए। पुलिस ने बताया कि इस तरह के अवैध विदेशी रोजगार परमिट (एफईपी) तैयार कर उन्हें विदेश भेजने में एक गिरोह सक्रिय है। पिछले सप्ताह इसी तरह से फर्जी परमिट तैयार कर खाड़ी देशों में जाने के आरोप में ६ नेपाली युवकों को गिरफ्तार किया गया था।