मुंबई वार्ता संवाददाता

बांग्लादेश में गैर मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार के विरोध मे बौद्ध भिक्षुक संघ मुंबई द्वारा 10 दिसंबर को गेटवे ऑफ इंडिया पर प्रदर्शन किया गया. इस आंदोलन में मुंबई के पूर्व उपमहापौर और जैन समाज के नेता बाबुभाई भवानजी भी मौजूद थे ।


भवानजी ने बताया कि बांग्लादेश में जैन, बौद्ध,सिख, आदिवासी,वनवासी, और दलित समाज के लोगों पर ज़ुल्म हो रहा है. माता बहनों की विशेष समुदाय के लोगों द्वारा इज्जत लूटी जा रही है. उनके घरों को, दुकानों को और धर्म स्थानों को भी जलाया जा रहा है. उन्हें बेघर किया जा रहा है. इसका विरोध करने के लिए बौद्ध भिक्षु महासंघ मुंबई के अध्यक्ष प. पू. वीरांतना महाथेरा भिक्षुजी के नेतृत्व में गेटवे ऑफ इंडिया मुंबई मे आज विरोध प्रदर्शन किया गया. इस मोर्चे मे बड़ी संख्या मे अलग अलग धर्म के धर्मात्मा , साधु संत और आम लोग उपस्थित थे ।


भवानजी ने आगे बताया कि बंगला देश मे एक विशेष धर्म के लोग बाकी धर्म के लोगों को काफिर मानते हैं और उनपर अमानुषिक अत्याचार कर रहे हैं। इस ज़ुल्म के खिलाफ़ सभी को एक होने की जरुरत है। उन्होंने फिर एक बार तमाम हिंदू जातियों से एक रहो शेफ रहो की अपील की है।


भवानजी ने कहा कि भारत भगवान गौतम बुद्ध, महावीर,राम ,कृष्ण,गुरु नानक के साथ साथ शिवाजी, महाराणा प्रताप, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, वीरमाता जीजाबाई और सुभाष चंद्र बोस जैसे अनेक क्रांति वीरों और वीरांगनाओ की भूमि हैं. हिन्दुओं की तमाम जातियां शान्ति से जीना चाहती है. जिओ और जीने दो के सिद्धांत को मानती है लेकिन अब आने वाले कल के लिए देश, धर्म और स्वबचाव के लिए धर्म शास्त्रों , कम्प्यूटर के साथ-साथ शस्त्रों (हथियारो )की भी ट्रेनिंग लेनी होगी । बांग्लादेश की घटना ने एक बार फिर मुगल शासन, भारत पाकिस्तान बंटवारे और जम्मू कश्मीर की याद ताजा करवा दी और देश के बंटवारे के वक्त डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ,सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा कही गई बातों के महत्व को रेखांकित कर दिया।


बाबुभाई भवानजी ने आंदोलन में आए सभी लोगों की सराहना की है और सभी लोगों से अनुरोध किया है कि वे ऐसे आंदोलनों में बढ़-चढकर भागीदारी करें ताकि कोई भी शांतिप्रिय लोगों पर अत्याचार करने का साहस न जुटा सके।