सतीश सोनी/मुंबई वार्ता

4 मार्च को लंदन में ब्रिटिश संसद के हाउस ऑफ लॉर्ड्स में 25वां अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस शानदार तरीके से मनाया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन बैरोनेस गार्डन में किया गया तथा इसका आयोजन संस्कृति सेंटर फॉर कल्चरल एक्सीलेंस द्वारा किया गया।
समिति कक्ष में विभिन्न भाषाई समुदायों के सदस्यों द्वारा अपनी-अपनी मूल भाषाओं में कविता और सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों के माध्यम से भारत और दक्षिण एशिया की 25 भाषाओं को प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर *राइम एंड रेजोनेंस (काव्य नादम)* नामक पुस्तिका का विमोचन किया गया, जिसमें प्रस्तुत सभी कविताएँ शामिल हैं।
भूटान साम्राज्य के मानद वाणिज्यदूत श्री एंड्रयू सटन तथा लंदन विश्वविद्यालय में फील्ड भाषाविज्ञान के एमेरिटस प्रोफेसर प्रोफेसर पीटर ऑस्टिन ने इस रजत जयंती समारोह में भाषण दिया। युवा छात्राओं मनस्वी और तनुश्रेया ने तंजावुर साम्राज्य के शाहू महाराज द्वारा लिखित संस्कृत गीत पर शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत किया। प्रस्तुत की गई भाषाओं में जोंगखा, धिवेही, नेपाली और सिंहली शामिल थीं, जबकि प्रस्तुत की गई भारतीय भाषाओं में असमिया, बंगाली, भोजपुरी, भूटिया, डोगरी, कन्नड़, कोंकणी, मलयालम, मैथिली, मराठी, ओडिया, पंजाबी, सिंधी, तेलुगु, तमिल और तुलु शामिल हैं। श्री ललिता कोटला ने प्रसिद्ध हिंदी कवि पद्म भूषण मैथिली शरण गुप्त की एक कविता पर लोक नृत्य प्रस्तुत किया, जो राज्यसभा सांसद के रूप में अपनी राय रखने के लिए कविता के माध्यम से प्रसिद्ध थे।
कार्यक्रम का समापन संस्कृति केंद्र की संस्थापक डॉ रागसुधा विंजामुरी द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।संस्कृति सांस्कृतिक उत्कृष्टता केंद्र एक चैरिटी है जिसकी स्थापना भारत और दक्षिण एशिया की विरासत और सांस्कृतिक विविधता के बारे में अधिक समझ पैदा करने के उद्देश्य से की गई है। शास्त्रीय और लोक नृत्यों को प्रशिक्षित करने और प्रस्तुत करने के अलावा, केंद्र लगातार सामुदायिक जुड़ाव को बढ़ावा दे रहा है