● संतोष देशमुख की मौत एक प्रवृत्ति के कारण हुई, हम देशमुख परिवार के साथ खड़े हैं,अपराधियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए: हर्षवर्धन सपकाल
●सद्भावना पदयात्रा का मासाजोग से नेकनूर के बीच ग्रामीणों ने गर्मजोशी से स्वागत कियापूर्व न्यायमूर्ति बी. जी. कोलसे पाटिल, अर्थशास्त्री प्रो. एम. एस. देसरडा समेत कई प्रतिष्ठित लोगों ने पदयात्रा में भाग लिया।
मुंबई वार्ता संवाददाता

मासाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या ने पूरे महाराष्ट्र को हिलाकर रख दिया है। समाज को इस बात पर गंभीरता से विचार करना होगा कि यह हत्या किस क्रूरता और अमानवीयता के साथ की गई। महाराष्ट्र को शिव, शाहू, फुले, आंबेडकर, गाडगे बाबा और तुकड़ोजी महाराज जैसे महान संतों की परंपरा विरासत में मिली है। लेकिन आज महाराष्ट्र में इस परंपरा को तार – तार किया जा रहा है। बीड के सरपंच संतोष देशमुख की जघन्य हत्या एक ख़ास प्रवृत्ति के कारण हुई है। यह लड़ाई सिर्फ देशमुख परिवार की नहीं, बल्कि हम सभी की है। यह बात महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने शनिवार को मासाजोग गांव से शुरु हुई सद्भावना पदयात्रा के मौके पर कही।


उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो, क्रूरता का उन्मूलन हो तथा लोगों के सद्भाव बढ़े, इस संकल्प के साथ यह सद्भावना पद यात्रा आयोजित की गई है।कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने सद्भावना यात्रा के बारे में मीडिया से बात करते हुए कहा कि संतोष देशमुख के बलिदान से हम सबको बड़ी सीख लेनी चाहिए। उन्होंने एक खास प्रवृत्ति के खिलाफ लड़ते हुए अपनी जान गंवाई है और हम सभी को इस प्रवृत्ति को नष्ट करने की चुनौती स्वीकार करनी होगी। सद्भावना हमारे भारत के डीएनए में है। यह हमारे संविधान में है। यही विचार हमारे देश की रक्षा कर सकती हैं।
सपकाल ने कहा कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी देशमुख परिवार ने अपना संतुलन नहीं खोया है और उन्होंने अपनी लड़ाई क़ानूनी तरीके से जारी रखी हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अपराधियों की कोई जाति या धर्म नहीं होता, वे सिर्फ अपराधी ही होते हैं। इस प्रवृत्ति के पीछे कौन है, इस पर बहस हो रही है। हमारी पार्टी इस सद्भावना यात्रा के जरिए सच को जनता के सामने लाएगी।कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हम तोड़फोड़, भय, घृणा, ईर्ष्या और जातिवाद की प्रवृत्ति की निंदा करते हैं। हम उसका विरोध करते हैं , जो धर्म को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करते हैं। यह हमारी संस्कृति के संरक्षण की यात्रा है। हम देशमुख परिवार के संघर्ष में उनके साथ खड़े हैं। संतोष देशमुख के अपराधियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। महाराष्ट्र में ऐसी घटना दोबारा न हो और यह बलिदान व्यर्थ न जाए। इसका हमें ख़ास ध्यान रखना होगा।सपकाल ने यह भी कहा कि हमें इस बलिदान से सबक लेना चाहिए और जबरन वसूली के लिए ऐसी हत्याएं नहीं की जानी चाहिए।”जातिगत भेदभाव मिटाएं और मानवता की रक्षा करें” जैसे नारे के साथ कांग्रेस पार्टी की मासाजोग से बीड सद्भावना यात्रा का नेतृत्व कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने किया।
इस यात्रा में हिमाचल प्रभारी रजनीताई पाटिल, पूर्व मंत्री अशोक पाटिल, नांदेड़ के सांसद रवींद्र चव्हाण, प्रदेश उपाध्यक्ष मोहन जोशी, गणेश पाटिल, मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे, जिला अध्यक्ष राहुल सोनवणे, वरिष्ठ अर्थशास्त्री एम. एच. देसरडा , पूर्व न्यायाधीश बी. जी. कोलसे पाटिल, युवा नेता अजिंक्य पाटिल, प्रदेश कांग्रेस महासचिव रामचंद्र उर्फआबा दलवी, अमर खानापुरे, दादासाहेब मुंडे, भगवानगढ़ ट्रस्टी तथा जालना जिला कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र राख सहित प्रदेश कांग्रेस तथा बीड जिला कांग्रेस के पदाधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता, महिलाएं युवा तथा नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
सद्भावना रैली में हजारों की संख्या में आम नागरिक भी भाग ले रहे हैं ।यह पदयात्रा मासाजोग से शुरू होकर उत्तरेश्वर, पिंपरी फाटा, पिंपलगांव फाटा, सांगवी, सारणी, रेणु पेट्रोल पंप, बाराड, नंदुर फाटा, येलंबघाट, चकरवाड़ी फाटा, नेकनूर से होते हुए नेकनूर में रात्रि विश्राम करेगी। यह पदयात्रा रविवार, 9 मार्च को पुनः शुरू होगी और बीड शहर में सद्भावना रैली के साथ संपन्न होगी। सुबह मासाजोग से पदयात्रा शुरू होने के बाद देर शाम संतोष देशमुख के बच्चों और भाई धनंजय देशमुख ने सद्भावना पदयात्रा में भाग लिया और करीब डेढ़ किलोमीटर तक पैदल चले। भारी भीड़ के कारण कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल और कांग्रेस जिला अध्यक्ष राहुल सोनवणे ने दोनों बच्चों को अपने कंधों पर उठाकर एक किलोमीटर की दूरी तय की।