भाजपा नेताओं ने देवेंद्र फडणवीस की तुलना क्रूर औरंगजेब से की: मैंने सिर्फ दोनों के प्रशासन का मुद्दा उठाया है : हर्षवर्धन सपकाल.

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● देवेन्द्र फडणवीस प्रशासन की आलोचना से मराठी अस्मिता को किस प्रकार ठेस पहुंची है?

●क्या छत्रपति का अपमान मराठी अस्मिता को ठेस नहीं पहुंचाता?

●सपकाल का सुलगता हुआ सवाल:-क्या बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद उन लोगों के स्मारकों, मूर्तियों और संस्थानों को ध्वस्त करने का साहस करेंगे जिन्होंने अत्याचारी अंग्रेजों की मदद की थी?

मुंबई वार्ता संवाददाता

वर्तमान में महाराष्ट्र में जिस क्रूर तरीके से महायुति सरकार शासन चला रही है, वह बेहद खराब है। बीड के मासाजोग गांव के संतोष देशमुख की जघन्य हत्या, पुणे में स्वारगेट बलात्कार कांड, राज्य में किसानों की बढ़ती आत्महत्या और महिलाओं पर अत्याचार के मामलों को देखते हुए राज्य में फडणवीस सरकार का शासन औरंगजेब के समान लगता है। यह तुलना दो व्यक्तियों की नहीं है , बल्कि दो शासकों के शासन की है। फिर भी भाजपा के कुछ नेता फडणवीस की तुलना दुष्ट औरंगजेब से कर रहे हैं। ऐसा करारा जवाब महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने दिया है।

सोमवार को गांधी भवन में एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने पूछा कि आखिर औरंगजेब के बारे में बात करने पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के पेट में दर्द क्यों होने लगता है। भले ही मैंने एक भी शब्द में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का जिक्र नहीं किया, न ही उनके बारे में अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, फिर भी भाजपा नेता मेरी बहुत निचले स्तर पर आलोचना कर रहे हैं। अगर हम औरंगजेब और फडणवीस के प्रशासन की तुलना करें तो भाजपा नेता फडणवीस की तुलना औरंगजेब से कर रहे हैं और खुद ही देवेंद्र फडणवीस को औरंगजेब कह रहे हैं।

सपकाल ने यह भी कहा कि मैंने रविवार को रत्नागिरी में और उससे पहले 9 मार्च को बीड जिले में सद्भावना यात्रा के दौरान भी इसी तरह का बयान देते हुए राज्य के खस्ताहाल प्रशासन का मुद्दा उठाया था।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के बयान पर संज्ञान लेते हुए हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि बावनकुले को बताना चाहिए कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के प्रशासन की आलोचना करने से मराठी अस्मिता को किस तरह ठेस पहुंचती है। बावनकुले को इस सवाल का भी जवाब देना चाहिए कि छत्रपति शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज का अपमान करने के बाद क्या मराठी अस्मिता को ठेस नहीं पहुंच रही है? छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान करने वाले कोरटकर और सोलापुरकर के खिलाफ बावनकुले क्यों कुछ नहीं बोलते?

सपकाल ने आगे कहा कि मासाजोग के सरपंच संतोष देशमुख भाजपा के बूथ प्रमुख थे, लेकिन उनकी हत्या के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बावनकुले उनके परिवार को सांत्वना देने भी नहीं गए। जबकि कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर मैं और मेरा कार्यकर्ता देशमुख परिवार को सांत्वना दी और उन्हें न्याय दिलाने की मांग को लेकर सद्भावना यात्रा निकाली।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मैं एक सामान्य परिवार से आता हूं, लेकिन बावनकुले और नारायण राणे ने निम्न स्तर पर जाकर मेरी आलोचना की है। इससे भाजपा का असली चेहरा सामने आ गया है।

सपकाल ने कहा इसमें कोई संदेह नहीं है कि औरंगजेब एक क्रूर शासक था, लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपनी बहादुरी से क्रूर औरंगजेब को मराठी धरती में दफन कर दिया। लेकिन कुछ लोग इतिहास और महाराज की बहादुरी को मिटाने का प्रयास कर रहे है।

सपकाल ने कहा कि औरंगजेब जितना क्रूर था, अंग्रेज भी उतने ही क्रूर थे, तो क्या बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के लोग ब्रिटिश सरकार की मदद करने वाली संस्थाओं, संगठनों और नेताओं के स्मारकों, मूर्तियों और संस्थानों को तोड़ने की हिम्मत करेंगे? यह सुलगता हुआ सवाल कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने हिंदूवादी संगठन के नेताओं से पूछा है।

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