●आग की घटना को रोकने विद्युत विभाग एलर्ट।
● दिया जा रहा गोदामों को नोटिस.
मुंबई वार्ता संवाददाता।भिवंडी

भिवंडी के गोदाम बाहुल्य इलाके में आए दिन होने वाली आगजनी की घटना को लेकर विद्युत विभाग सतर्क हो गया है।क्योंकि आग लगाने की ज्यादातर घटनाएं शार्टशर्किट के कारण लगती है।जिसका मुख्य कारण गोदाम मालिकों द्वारा इलेक्ट्रिकल सेफ्टी ऑडिट नहीं कराया जाना बताया जा रहा है।इस कारण सभी गोदाम विद्युत सुरक्षा के दृष्टिकोण से अत्यंत असुरक्षित माने जा रहे हैं।जिसके मद्देनजर विद्युत विभाग ऐसे गोदामों को नोटिस जारी कर रहा है।ताकि इस कारण होने वाली आगजनी की घटना को रोका जा सके।


भिवंडी के गोदाम बाहुल्य अंजुरफाटा, रहनाल,पूर्णा, काल्हेर,दपोड़ा में बड़े पैमाने पर गोदाम है।इसके अलावा सावडे, लोनाड, सोनादेवी लॉजिस्टिक्स परिसर और एमआईडीसी क्षेत्र के विभिन्न केमिकल, कपड़ा, कुरियर तथा इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के गोदामें है।जहां पर आए दिन आग लगने की घटना घटती रहती है।आग से न केवल करोड़ों की संपत्ति का नुकसान होता है, बल्कि स्थानीय नागरिकों, मजदूरों और अग्निशमन कर्मियों के जीवन को भी गंभीर खतरे में रहता है।


कल्याण में स्थित ठाणे डिविजन दो के सहायक विद्युत निरीक्षक जाधव ने बताया कि हाल के महीनों में भिवंडी और उसके आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों में कई भीषण आग की घटनाएँ घटित हुई हैं।इन घटनाओं की प्रारंभिक जांच से यह स्पष्ट होता है कि अधिकतर मामलों में आग का प्रमुख कारण विद्युत शॉर्टसर्किट, ओवरलोडिंग या केबलिंग में तकनीकी खामियाँ थीं।जिसका मुख्य कारण समय-समय पर विद्युत निरीक्षण की अनदेखी है।
उन्होंने बताया कि उक्त तमाम जगहों पर बिजली व्यवस्था का नियमित परीक्षण नहीं होता है।जहां केबलिंग और अर्थिंग पुरानी या ओपन वायरिंग के रूप में रहती है।इतना ही नहीं इन जगहों पर लोड क्षमता से अधिक मशीनें जोड़ी जाती हैं और फायर सेफ्टी उपकरण अनुपस्थित रहते हैं।इस कारण पूरा क्षेत्र संभावित विद्युत हादसों के “हॉट स्पॉट” में बदल दिया है।
उन्होंने बताया कि भिवंडी क्षेत्र महाराष्ट्र के सबसे बड़े लॉजिस्टिक और वेयरहाउस हब है।जहां पर विद्युत सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ नहीं किया गया तो आगजनी जैसी घटनाएँ न केवल निवेशकों के विश्वास को प्रभावित करेंगी बल्कि हजारों मजदूरों के रोजगार और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक असर डालेंगी।
विद्युत निरीक्षक राजेश यादव ने बताया कि इस भयावह परिदृश्य को देखते हुए, यह अत्यंत आवश्यक है कि स्थानीय प्रशासन, विद्युत निरीक्षण विभाग और अग्निशमन दल मिलकर निम्नलिखित कदम तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है,ताकि आग लगने की घटना पर अंकुश लगाया जा सके।उन्होंने बताया कि भीषण आग की घटनाओं से जनजीवन, पर्यावरण और संपत्ति की रक्षा के लिए विद्युत सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। जैसे कि अनिवार्य ऑडिट, नियमित निरीक्षण और दंडात्मक प्रावधान — ही भिवंडी और आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों को सुरक्षित और टिकाऊ विकास की दिशा में आगे बढ़ा सकते हैं।
इसके लिए गोदामों व वेयरहाउसों को नोटिस भेजकर अतिशीघ्र इसमें सुधार के निर्देश दिए गए है।
◾विद्युत सुरक्षा ऑडिट अनिवार्य भिवंडी क्षेत्र के सभी गोदामों, कारखानों और गोदामनुमा इमारतों में अधिकृत निरीक्षण अधिकारी द्वारा वार्षिक विद्युत सुरक्षा परीक्षण कराना अनिवार्य है।
◾ विद्युत निरीक्षण रिपोर्ट के बिना कार्य अनुमति या बिजली कनेक्शन न दिए जाएगे किसी भी नए या चालू गोदाम को बिना मान्य विद्युत सुरक्षा प्रमाणपत्र के बिजली कनेक्शन या ऑक्युपेंसी परमिशन न मिले।
◾ फायर और विद्युत सुरक्षा का संयुक्त निरीक्षणअग्निशमन यंत्र, अर्थिंग, और केबलिंग की नियमित जांच की रिपोर्ट हर तीन महीने में संबंधित विभाग को प्रस्तुत की जाए।
◾ नियम उल्लंघन पर दंडात्मक कार्रवाईजिन गोदामों में गंभीर विद्युत सुरक्षा उल्लंघन पाए जाएँ, उनके विरुद्ध भारी जुर्माना लगाया जाए और आवश्यकतानुसार बिजली आपूर्ति अस्थायी रूप से बंद की जाए।
उन्होंने बताया कि विद्युत सुरक्षा ऑडिट केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि जीवन और उद्योगों की सुरक्षा का अनिवार्य कवच है।


