वरिष्ठ संवाददाता/मुंबई वार्ता

करोड़ों हिंदुओं की आस्था के केंद्र, श्री शनि शिंगणापुर मंदिर में गैर हिंदू कर्मचारियों के प्रवेश पर महाराष्ट्र मंदिर महासंघ ने आपत्ति जताई है। महाराष्ट्र मंदिर महासंघ के राष्ट्रीय संगठक सुनील घनवट ने कहा कि यह घटना अत्यंत निंदनीय और मंदिर की सात्त्विकता व धार्मिक परंपराओं का उल्लंघन करने वाली है।
हाल ही में गैर हिंदू कर्मचारियों द्वारा ग्रिल लगाने का कार्य किया गया था। इस घटना से स्थानीय ग्रामवासियों में तीव्र रोष व्याप्त है। घनवट ने कहा कि मंदिर में कार्यरत लगभग 300 गैर हिंदू कर्मचारियों को हटाया जाए तथा उन्हें नियुक्त करने वाले अधिकारियों की जांच कर उन पर कठोर कार्रवाई की जाए।
घनवट ने आगे कहा कि शनि शिंगणापुर जैसे पवित्र देवस्थान में अन्य धर्म के लोगों को कार्य के लिए प्रवेश देना हिंदू आस्था और परंपरा पर सीधा आघात है। इस विषय पर महासंघ ने देवस्थान के ट्रस्टियों से संपर्क कर कार्य तत्काल रोकने की मांग की थी। ट्रस्टियों ने सूचित किया है कि काम रोक दिया गया है। जिन अधिकारियों ने यह आदेश दिया और कर्मचारियों की नियुक्ति की, उन पर कड़ी कार्यवाही अति आवश्यक है।
तिरुपति मंदिर की घटना से सबक सुनील घनवट ने बताया कि तेलंगाना स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर में भी इस तरह की गलती पूर्व सरकार ने की थी। जानकारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने केवल हिंदू कर्मचारियों की नियुक्ति का आदेश दिया बल्कि गैर हिंदू कर्मचारियों को निकाल बाहर किया। इससे हम सबको सबक लेना चाहिए। महाराष्ट्र सरकार को भी तत्काल इसी प्रकार की नीति अपनानी चाहिए। मंदिरों में आचार, आहार, श्रद्धा और भावना सात्त्विकता के अनुरूप होने चाहिए। मंदिरों में अन्य धर्म के लोगों की नियुक्ति करना, मंदिर की धार्मिक शुद्धता और परंपराओं पर सीधा आघात है। राज्य सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।