श्रीश उपाध्याय/मुंबई वार्ता

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना अध्यक्ष राज ठाकरे ने मराठी भाषा को लेकर शुरू की गई मुहीम को रोकने का आदेश दिया है।


बैंकों समेत कई जगहों पर लगातार उत्तर भारतीयों पर हो रहे हमलों के ख़िलाफ़ कई उत्तर भारतीय नेताओं समेत भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने भी आपत्ति दर्ज कराई थी। पूरे उत्तर भारतीय समाज में इस बात को लेकर रोष व्याप्त हो रहा था कि भाजपा की सरकार होने के बावजूद मनसे कार्यकर्ता मराठी भाषा को लेकर आंदोलन करने के नाम पर खुले आम गुंडागर्दी कर रहे थे।


लगातार आ रही शिकायतों पर ध्यान देते हुए आखिरकार मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने बयान जारी किया कि मराठी भाषा मुहिम को लेकर आंदोलन के दौरान किसी भी प्रकार की मारपीट की गई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने जैसे ही कड़े तेवर दिखाए, राज ठाकरे ने मराठी भाषी मुहीम पर यू-टर्न लेते हुए अपने पदाधिकारी को पत्र लिखा कि- मराठी भाषा को लेकर हमने पर्याप्त जागरूकता कर दी है इसलिए अब इस मुहीम को रोकने में कोई समस्या नहीं है। इस आंदोलन के माध्यम से हमने दिखाया कि मराठी भाषा के उपयोग को लेकर आरबीआई के मानदंड का उपयोग न करने का नतीजा क्या हो सकता है? सरकार सुनिश्चित करे कि मराठी भाषा को लेकर कानून का पालन हो।
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन ने भी इस मामले में मुख्यमंत्री को अवगत कराया था कि मनसे कार्यकर्ता बैंकों में जाकर मराठी भाषा के इस्तेमाल को लेकर खुले आम गुंडागर्दी कर रहे हैं और मारपीट कर रहे हैं।