● मस्जिदों के लाउडस्पीकर कि समस्या पर मुख्यमंत्री से मुलाकात करके निवेदन दिया गया .

शहर में पुलिस, मुस्लिम नुमाइंदे, और मस्जिदों के ट्रस्टी के साथ एक संयुक्त मीटिंग आयोजित की जाए, ताकि मस्जिदों के लाउडस्पीकर पर हल निकाला जा सके और इस मुद्दे को राजनितिक समस्या बनाने वालों पर लगाम लगाई जा सके | इन मांगों को लेकर आज समाजवादी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक अबू आसिम आज़मी के नेतृत्व में मस्जिदों के ट्रस्टी तथा पार्टी पदाधिकारियों के शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस से मुलाकात करके निवेदन देकर चर्चा की |


इस मामले पर बोलते हुए अबू आसिम आज़मी ने कहा कि मस्जिदों में अज़ान के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल सुप्रीम कोर्ट की नियमों के तहत ही किया जाता है। लेकिन कुछ नफ़रत फैलाने वाले जान-बूझकर पुलिस और प्रशासन पर दबाव बनाकर मस्जिदों के लाउडस्पीकर हटवाने की कोशिश कर रहे हैं। इस तरह के व्यवहार से मुस्लिम समाज में नाराज़गी बढ़ रही है। इसी सिलसिले में आज हमने मुस्लिम समाज के वरिष्ठ प्रतिनिधियों के शिष्टमंडल के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जी से मुलाक़ात की और निवेदन देकर इस विषय पर उपयुक्त मार्ग (गाइडलाइन्स) तय करने का निवेदन किया।


अबू आजमी ने यह भी कहा कि,” हमने यह प्रस्ताव रखा कि हर शहर में पुलिस, मुस्लिम प्रतिनिधि और मस्जिदों के ट्रस्टी के साथ एक सुझाव मीटिंग आयोजित की जाए, ताकि इस नाज़ुक मसले का शांतिपूर्ण हल निकाला जा सके और इसे सियासी मक़सदों के लिए इस्तेमाल करने वालों पर लगाम लगाई जा सके। “
इस मामले पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जी ने मुंबई पुलिस कमिश्नर देवेन भारती से बात की और निर्देश दिए की कोई भी कार्रवाई के वक़्त कानून को हाथ में ना लिया जाए और हमारे निवेदन के मुताबिक जल्द ही उलेमाओं, NGOs, और अन्य सदस्यों के साथ बैठक बुलाने का सकारात्मक आश्वासन दिया।
बैठक में शिष्टमंडल द्वारा ईद उल अज़हा (बकरा ईद) और क़ुरबानी को लेकर भी चर्चा की गई जिसमे यह निवेदन किया गया है कि बकरा ईद पर मुस्लिम समुदाय अपने धार्मिक फर्ज को सम्मानपूर्वक अदा कर सके, इसके लिए पुलिस, मुंबई महानगरपालिका और प्रशासन पूरा सहयोग करें, ताकि त्योहार अमन, शांति और व्यवस्था के साथ मनाया जा सके।
इस अवसर पर समजवादी पार्टी के प्रदेश कार्याध्यक्ष युसूफ अबरानी, रजिया चष्मावाला, मो. अली शेख, सैय्यद शौखत, फिरोज ओरा, मेमन समाज के उपाध्यक्ष तथा मस्जिदों के ट्रस्टी भी उपस्थित थे |