श्रीश उपाध्याय/मुंबई वार्ता

मौनी अमावस्या के बाद “बसंत पंचमी” के अवसर पर आयोजित “अमृत-स्नान” में सभी अखाड़े पूर्व निर्धारित क्रमानुसार सम्मिलित होंगे। महाकुम्भ के अद्भुत अलौकिक व्यवस्था से हम सभी अत्यन्त हर्षित एवं गौरवान्वित हैं। जूना अखाड़ा के महामंलेश्वर आचार्य श्री अवधेशानन्द गिरी ने यह जानकारी दी है.
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उन्होंने कहा कि, “राजनैतिक विद्वेष रखकर भारतीय संस्कृति के उच्चतम आध्यात्मिक प्रतिमानों की जीवन्त अभिव्यक्ति कुम्भ के आध्यात्मिक वैशिष्ट्य को अनुभूत नहीं किया जा सकता। राजनैतिक लाभ के लिए कुछ लोग महाकुम्भ 2025 प्रयागराज में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं की निन्दा कर रहे हैं, जो सर्वथा राजनैतिक स्वार्थ से प्रेरित है।”
उन्होंनेयहभीकहाकि, “”मौनी अमावस्या” पर प्रयागराज में एकत्रित भारी भीड़ के कारण अखाड़ा परिषद और सभी प्रमुख सन्तों ने सांकेतिक स्नान का निर्णय लिया था, किन्तु उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री गोरक्षपीठाधीश्वर पूज्य श्री योगी आदित्यनाथ जी की भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक जीवन मूल्यों के प्रति निष्ठा और प्रशासन के श्रेष्ठ प्रबन्धन के कारण सभी अखाड़े और पूज्य सन्त अमृत-स्नान कर सके। भारतीय संस्कृति, संस्कार और उसके उच्चतम आध्यात्मिक प्रतिमानों की अभिरक्षा हेतु भारतीय संस्कृति के ज्योतिर्धर हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी, उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री गोरक्षपीठाधीश्वर पूज्य श्री योगी जी एवं शासन-प्रशासन के प्रति हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित है।”