● सभ्यता, संस्कृति और लोकतंत्र के मूल्यों को पोषित करने वाले सिंधुदुर्ग में अब ऐसे लोग भी हैं जो कहते हैं, “हम जो करेंगे, वही कानून है।”
● नारायण राणे कांग्रेस में तब शामिल हुए जब कांग्रेस सत्ता में थी और सत्ता जाते ही चले गए। हम सिंधुदुर्ग में कांग्रेस संगठन को फिर से अपनी ताकत से मजबूत करेंगे।
मुंबई वार्ता संवाददाता

आज महाराष्ट्र में कानून का राज नहीं है, सत्ताधारी पार्टी के लोग दहशत फैला रहे हैं। संसदीय लोकतंत्र को कुचला जा रहा है। जाति और धर्म के बीच एकता की भावना नष्ट हो रही है। आज विविधता में एकता का मूल सिद्धांत खतरे में है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस लापरवाह तरीके से शासन कर रहे हैं और उनके मंत्रिमंडल का हर मंत्री एक नमूना है। ऐसे मंत्री राज्य में सद्भाव, विवेक और महाराष्ट्र धर्म को नष्ट कर रहे हैं। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने यह आरोप लगाया है.


उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के रवैए पर हमला करते हुए कहा है कि राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ रहा है।शनिवार को सिंधुदुर्ग में मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि कोंकण प्राकृतिक सौंदर्य और संस्कृति की विरासत से समृद्ध है। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित वी. स. खांडेकर इसी कोंकण भूमि से आते थे। यह जिला मंगेश पाडगावकर का है, जिन्होंने प्रेम का संदेश दिया।यहां मधु दंडवते, नाथ पई जैसे महान नेताओं ने भी जन्म लिया ।इस जिले से एक से बढ़कर एक महान नेता और विचारक पैदा हुए हैं, जिन्होंने सभ्यता, संस्कृति और लोकतांत्रिक मूल्य क्या होते हैं, इसकी मिसाल कायम की है। आज उसी जिले में कुछ लोगों के मुंह से प्रतिदिन गटर की तरह गंदगी बहा रहे है । एक मंत्री कहते हैं जो हमें वोट नहीं देगा तो हम उसे फंड नहीं देंगे। यह किस तरह की राजनीति है। यह सब महाराष्ट्र के सामाजिक सद्भाव को नष्ट करने की कोशिश है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि नारायण राणे कांग्रेस में शामिल हुए और 12 साल तक पार्टी में रहे, जिसमें से 9 साल तक वे सत्ता में रहे। विधानसभा चुनाव में हार के बाद उन्हें विधान परिषद के लिए भेजा गया, लेकिन राजनीतिक फायदे के लिए वे दूसरी पार्टी में शामिल हो गए। वे इसलिए आये क्योंकि कांग्रेस के पास कार्यकर्ता और ताकत थी, लेकिन जब हमारी सत्ता चली गई तो वे सत्ताधारी दल में चले गये। सपकाल ने कहा कि भले ही राणे चले गए हैं, लेकिन इस जिले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समर्थकों का एक बड़ा वर्ग मौजूद है।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं की एक सभा में बोलते हुए प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि इस जिले के पालक मंत्री कोंकण में सामाजिक विभाजन पैदा करना चाहते हैं और संस्कृति को नष्ट करना चाहते हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आवाहन किया कि वे आने वाले समय में इस जिले को कांग्रेस का जिला बनाएं। कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और सरकार का विरोध करें। लोगों के मुद्दे उठाए और उनका काम करें। पुष्पा फिल्म के गाने “किसी के सामने झुकेगा नहीं’ की भावना के साथ काम करें।
सपकाल ने कार्यकर्ताओं से कहा कि आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में कांग्रेस पार्टी को जीतना चाहिए और हर तालुका, वार्ड और ग्राम पंचायत में कांग्रेस कार्यकर्ता दिखना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक आंदोलन है और इस पार्टी के विचार को जीवित रखें और इस विचार को जिले के हर घर तक ले जाएं।सपकाल ने कहा कि महात्मा फुले ने छत्रपति शिवाजी महाराज की समाधि उनकी मृत्यु के 200 साल बाद खोजी थी। इन दो सौ सालों में उस समय के भाजपा के कठपुतलों ने महाराज का इतिहास सामने नहीं लाना चाहा। लेकिन आज हमारे विरोधी शिवाजी महाराज के पराक्रम का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए करना चाहते हैं । ये लोग धर्म के नाम पर लोगों को बांटना चाहते हैं।हमें इस विकृत सोच को रोकना होगा।
इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल के साथ प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन एवं प्रशासन एडवोकेट गणेश पाटिल, प्रदेश महासचिव आबा दलवी, जिला प्रभारी अजिंक्य देसाई, जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष इरशाद शेख और महिला कांग्रेस अध्यक्ष साक्षी वंजारी आदि उपस्थित थे।