मुंबई वार्ता/सतीश सोनी

उच्च शिक्षा विभाग की ओर से छात्रों को रोजगारोन्मुख शिक्षा और प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करने के लिए महाराष्ट्र राज्य और प्रशिक्षुता प्रशिक्षण बोर्ड (पश्चिमी क्षेत्र), शिक्षा मंत्रालय, केंद्र सरकार और उच्च शिक्षा निदेशालय के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। यह महाराष्ट्र के विद्यार्थियों के लिए कौशल विकास, औद्योगिक अनुभव और रोजगारपरकता की दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांतदादा पाटिल ने इस अवसर पर उक्त बाते कहीं ।


उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांतदादा पाटिल की उपस्थिति में सरकारी आवास सिंहगढ़ में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. शैलेन्द्र देवलंकर, प्रशिक्षुता प्रशिक्षण बोर्ड के निदेशक पी.एन. जुमला ने समझौते पर हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर महाराष्ट्र राज्य तकनीकी शिक्षा बोर्ड के निदेशक डॉ. प्रमोद नाईक, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. शैलेन्द्र देवलणकर, महाराष्ट्र राज्य शिक्षुता प्रशिक्षण बोर्ड के पश्चिमी क्षेत्र के निदेशक पी.एन. जुमले, उपनिदेशक एन.एन. वडोडे उपस्थित थे।एईडीपी पाठ्यक्रमों को राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रशिक्षण योजना (एनएटीएस) के अंतर्गत शामिल किया गया है, जिससे छात्रों को प्रशिक्षुता के लिए अधिक अवसर और वजीफा मिल रहा है।
प्रशिक्षण के दौरान छात्रों को कम से कम 5000 रुपये का वजीफा दिया जाएगा। इस योजना के तहत छात्रों को 8,000 रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे, जिनमें से 50 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार द्वारा सीधे छात्रों के बैंक खातों में जमा की जाएगी।