मुंबई वार्ता /श्रीश उपाध्याय

रत्नागिरी जिले में मिरकरवाडा मत्स्यबंदर प्रकल्प रोजगार सृजन के लिहाज से महत्वपूर्ण सिद्ध होने जा रहा है। प्रकल्प के पूरा होते ही मच्छीमारी के लिए आवश्यक बुनियादी सुविधाओं का विकास होगा और मत्स्य उत्पादन में वृद्धि देखने को मिलेगी। मिरकरवाडा, रत्नागिरी जिले के विकास में “मिल का पत्थर” के रूप में प्रतिष्ठित है। सभी कार्य निर्धारित समय सीमा में तेजी से पूरे किए जाएं ऐसे निर्देश मंत्री नितेश राणे ने दिए ।
मंत्रालय में आयोजित बैठक में मंत्री नितेश राणे ने मिरकरवाडा मत्स्यबंदर प्रकल्प का विस्तृत आकलन किया। बैठक में मत्स्यव्यवसाय आयुक्त किशोर तावडे, सहआयुक्त महेश देवरे, मिरकरवाडा प्रकल्प के मत्स्य विकास अधिकारी श्रीमती अक्षया मयेकर, कोकण प्रादेशिक मत्स्य उप आयुक्त नागनाथ भादुले समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मंत्री नितेश राणे ने कहा, “प्रकल्प के टप्पा दो के अंतर्गत संरक्षक भिंतों का निर्माण शीघ्र आरंभ किया जाए। निविदा स्तर पर कामों की शीघ्रता से शुरूआत हेतु उचित नियोजन किया जाए। वर्षा मौसम से पहले प्रकल्प के सभी काम पूरे हो जाएं। किसी भी परिस्थिति में विलंब नहीं होना चाहिए, क्योंकि वर्षा मौसम में काम करना संभव नहीं है। इसलिए सूक्ष्म नियोजन करके कामों को जल्द से जल्द आरंभ किया जाए और आवश्यक परवानगियों के लिए अगली 15 दिनों में कार्यवाही पूरी की जाए।”
मिरकरवाडा मत्स्यबंदर प्रकल्प के टप्पा दो के अंतर्गत कुल 22 कार्य प्रस्तावित हैं, जिनमें से 3 कार्य पहले ही पूर्ण हो चुके हैं, यह जानकारी बैठक में उपस्थित संबंधित अधिकारियों ने दी।