मत्स्य व्यवसाय विभाग के 100 दिनों की योजना की समीक्षा
मुंबई वार्ता संवाददाता

राज्य में मीठे पानी में अंतर्देशीय मछली पालन के लिए बड़ी संभावनाएं हैं। वर्तमान में इस मछली पालन में वृद्धि करने के लिए एक नीति तय की जानी चाहिए। इसके साथ ही मछली बीज की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए भी नीति तैयार की जाए। यह निर्देश मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिए।
सह्याद्री अतिथिगृह में मत्स्य व्यवसाय विभाग की 100 दिनों की योजना की मुख्यमंत्री फडणवीस ने विस्तृत समीक्षा करते हुए यह निर्देश दिए। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि अंतर्देशीय मछली पालन को बढ़ाना आवश्यक है। मीठे पानी में मछली पालन के लिए मछली बीज की उपलब्धता अत्यंत महत्वपूर्ण है। मछली बीज की उपलब्धता बढ़ाने के लिए लक्षित प्रयास किए जाने चाहिए। राज्य में जहां-जहां मछली बीज उत्पादन में अच्छा काम हो रहा है, उन्हें प्रोत्साहन और निधि दी जानी चाहिए। इसके साथ ही समुद्री मछली पालन के लिए भी व्यापक नीति तैयार की जानी चाहिए।केंद्र सरकार ने मत्स्य व्यवसाय को कृषि व्यवसाय का दर्जा दिया है। केंद्र के नियमों के अनुसार राज्य के मछली पालकों को लाभ पहुंचाने की कार्रवाई की जानी चाहिए। इसके अलावा, बांध क्षेत्रों में मछली पालन व्यवसाय के लिए भी समग्र नीति तैयार की जाए। मछली पालन संस्थाओं का काम पारदर्शी रहे, यह सुनिश्चित किया जाए।
मत्स्य व्यवसाय विभाग के सचिव डॉ. रामास्वामी एन. ने विभाग का विवरण कंप्यूटरीकृत प्रस्तुति के माध्यम से दिया। इसमें प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, समुद्री क्षेत्र में किए जा रहे ड्रोन सर्वेक्षण, मछली पकड़ने वाली नौकाओं और मछली पालकों को दी जाने वाली सब्सिडी और सुविधाएं, मत्स्य व्यवसाय को बढ़ाने के लिए बनाए जा रहे मछली बंदरगाह, मछली बाजार, मरोळ में अंतरराष्ट्रीय मछली बाजार जैसी योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई।
बैठक में पर्यावरण मंत्री पंकजा मुंडे, मत्स्य व्यवसाय मंत्री नितेश राणे, खेल मंत्री दत्तात्रेय भरणे, राहत और पुनर्वास मंत्री मकरंद जाधव पाटील, मुख्य सचिव सुजाता सौनिक, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव विकास खारगे, प्रधान सचिव अश्विनी भिड़े, सचिव डॉ. श्रीकर परदेशी और संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और सचिव उपस्थित थे।