● नई अदालत से मीरा भयंदरकर को बड़ी राहत मिली
● उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और मीरा-भायंदर सिविल कोर्ट के न्यायाधीश अभय ओक द्वारा जनता को समर्पित
सतीश सोनी/मुंबई वार्ता

उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि मीरा भयंदर में नए सिविल कोर्ट के निर्माण से स्थानीय नागरिकों को बड़ी राहत मिली है और अब उन्हें न्याय पाने के लिए पुलिस स्टेशन नहीं जाना पड़ेगा। इस अवसर पर उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस न्यायालय से आम नागरिकों को निश्चित रूप से लाभ मिलेगा और अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर न्याय की देवी का उद्घाटन करना सौभाग्य की बात है।


इस न्यायालय के नए भवन की आधारशिला का अनावरण आज सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभय ओक की उपस्थिति में किया गया।इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मीरा भयंदर में बार काउंसिल तो है, लेकिन कोई अदालत नहीं है। इसलिए यहां न्यायालय की मांग कई वर्षों से उठती रही है। न्यायमूर्ति अभय ओक एक ठाणेकेर हैं, इसलिए ठाणेकेर जो चाहते थे, वह अब हो रहा है।
उन्होंने कहा कि चूंकि वे उद्घाटन के लिए यहां आने के लिए सहमत हुए हैं, इसलिए यह न्यायालय भी न्याय का मंदिर बना रहेगा। सभी जनप्रतिनिधियों ने इस न्यायालय के कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए। इसलिए उन्होंने प्रसन्नता और संतोष व्यक्त किया कि अब एक सपना पूरा हुआ है और आम आदमी को इस अदालत के माध्यम से न्याय मिलेगा। इस न्यायालय के कार्य में अनेक बाधाएं आईं, लेकिन अंततः इस न्यायालय का निर्माण पूरा हो गया है। लेकिन मुझे एहसास हुआ कि इस कोर्ट को और अधिक जगह की जरूरत है। इसलिए शिंदे ने ठाणे के जिला मजिस्ट्रेट को न्यायालय के विस्तार के लिए आवश्यक भूमि उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
उन्होंने न्यायमूर्ति अभय ओक से ठाणे शहर में नए न्यायालय भवन के उद्घाटन के लिए समय देने का भी अनुरोध किया।मीरा भयंदर शहर की जनसंख्या पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ी है। एक साल के भीतर यहां मेट्रो चलने लगेगी। इससे नागरिकों को लोकल ट्रेन से यात्रा करने की परेशानी से मुक्ति मिलेगी। इससे शहर में यातायात की भीड़ कम हो जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि हम लोगों को ठाणे, मीरा-भायंदर और कुर्ला-बीकेसी के बीच तेजी से यात्रा करने में सक्षम बनाने के लिए एक पॉड टैक्सी परियोजना लागू करेंगे।मुख्यमंत्री के रूप में उनके ढाई साल के कार्यकाल के दौरान 32 नई अदालतों को मंजूरी दी गई, 14 अतिरिक्त सत्र अदालतों को मंजूरी दी गई, 1,100 पदों को तीसरे पक्ष की नियुक्तियों के माध्यम से भरा गया और 2,863 पदों को भरा गया। शिंदे ने इस बात पर भी जोर दिया कि अगर कैबिनेट की बैठक में कोर्ट से जुड़ा कोई मुद्दा आता है तो हम उसे पांच मिनट के भीतर मंजूरी दे देंगे। इस नई अदालत ने कहा कि न्याय सभी को मिलेगा, क्योंकि वादी को पुलिस स्टेशन जाए बिना ही यहां न्याय मिल जाएगा। राज्य सरकार जनता के प्रति प्रतिबद्ध है, इसलिए सरकार आपके द्वार पहल लागू कर हमने 5 करोड़ लोगों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ पहुंचाया है।
शिंदे ने विश्वास जताया कि अब लोगों को न्याय मिलेगा और उन्हें इसका लाभ अवश्य मिलेगा।सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभय ओक ने राय व्यक्त की कि न्यायालय की शक्तियों का विकेंद्रीकरण करने के लिए मीरा भयंदर में यह नई अदालत शुरू करने की मंजूरी दी गई है। ठाणे एकमात्र जिला है जिसमें सात नगर निगम हैं। इसलिए कहा गया कि यहां सिविल कोर्ट शुरू करने की मंजूरी दे दी गई है, भले ही मीरा-भायंदर एक अलग तालुका नहीं है, क्योंकि वहां एक नगर निगम है। शिंदे ने कहा कि सरकार हमेशा न्यायालय के काम को प्राथमिकता देती है और हमारे प्रस्तावों को तुरंत मंजूरी दी जाती है। ओक ने अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा, “मेरे सहकर्मियों ने मुझे बताया है कि यह परिवर्तन पिछले दो से ढाई वर्षों में हुआ है, और यह परिवर्तन निश्चित रूप से सकारात्मक है।” हालांकि मीरा भयंदर न्यायालय में वर्तमान में केवल एक ही न्यायाधीश नियुक्त है, लेकिन भविष्य में इस न्यायालय का विस्तार किया जाएगा और यहां 5 से 6 न्यायाधीशों की नियुक्ति की जाएगी।
इस अवसर पर बोलते हुए ओक ने आशा व्यक्त की कि इस न्यायालय में प्रदान किए जाने वाले न्याय की गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए तथा आम आदमी तक न्याय पहुंचना चाहिए।इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अभय ओक, बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति आलोक अराधे, हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी, न्यायमूर्ति गौरी गोडसे, ठाणे कोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति श्रीनिवास अग्रवाल, मीरा भयंदर कोर्ट के सिविल न्यायाधीश एस. एच। जाधव, बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र और गोवा के सदस्य सुदीप पासबोला, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डी. जी। नाईक, परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक, विधायक नरेंद्र मेहता, पूर्व विधायक गीता जैन, गिल्बर्ट मेंडोजा, मीरा भयंदर नगर आयुक्त राधाविनोद शर्मा, ठाणे जिला कलेक्टर अशोक शिंगारे और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।