● हिंदू जनजागृति समिति ने उपमुख्यमंत्री को दिया ज्ञापन
● एकनाथ शिंदे का विभाग को प्रस्ताव पेश करने का निर्देश
वरिष्ठ संवाददाता/मुंबई वार्ता

शाकाहारी खाद्य पदार्थों पर भी ‘हलाल प्रमाणपत्र’ की आवश्यकता अनिवार्य किए जाने का विरोध बढ़ता ही जा रहा है। इसको लेकर हिंदू जनजागृति समिति के प्रतिनिधिमंडल ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मिलकर एक ज्ञापन सौंपा।
इसमें उत्तर प्रदेश में जिस प्रकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गैरकानूनी ‘हलाल प्रमाणपत्र’ पर प्रतिबंध लगाया है, उसी तर्ज पर महाराष्ट्र में भी हलाल प्रमाणित उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है।
इसपर संज्ञान लेते हुए उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति सचिव को प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। हिंदू जनजागृति समिति के प्रतिनिधिमंडल में सतीश सोनार, रवि नलावड़े, नांदेड से शिवसेना विधायक आनंद तिडके (बोंडारकर) आदि उपस्थित थे। समिति का कहना है कि ‘सेक्युलर’ व्यवस्था में धार्मिक आधार पर उत्पादों का प्रमाणन असंवैधानिक है। खाद्य पदार्थों के संदर्भ में कानून के अनुसार ‘भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण’ जो एक सरकारी संस्था है, को खाद्य पदार्थों के मानक तय करने और प्रमाणन देने का अधिकार है। लेकिन ‘हलाल प्रमाणन’ एक समानांतर प्रणाली के रूप में स्थापित की गई है, जो खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता को लेकर भ्रम पैदा करके सरकारी नियमों का उल्लंघन करती है।
महाराष्ट्र समेत पूरे देश में ‘हलाल इंडिया’, ‘हलाल सर्टिफिकेशन सर्विसेस इंडिया’, ‘जमीयत उलेमा-ए-हिंद’, ‘जमीयत उलेमा-ए-महाराष्ट्र’ जैसी कई संस्थाएं अवैध रूप से हलाल प्रमाणपत्र जारी करके करोड़ों रुपये एकत्र कर रही हैं। इसी कारण उत्तर प्रदेश में इस पर प्रतिबंध लगाया गया। केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी स्पष्ट किया है कि किसी निजी संस्था को प्रमाणपत्र जारी करने का अधिकार नहीं है।