सतीश सोनी/मुंबई वार्ता

श्री गट्टू लाल जी की फोटो हटा कर ट्रस्ट मंडल, उपकारी का उपकार भूल गया
भारतीय संस्कृति का अनमोल जैन धर्म, अति प्राचीन भारत का धर्म है । प्राचीन धर्म के प्राचीन तीर्थ जैन शासन का अनमोल गौरव है । हम सब प्राचीन तीर्थों का देव दर्शन करने जाते है । मध्य प्रदेश के मांडव गढ़ में ऑल इंडिया जैन जर्नलिस्ट एसोशिएशन का राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान आइजा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हार्दिक हुंडिया ने बताया कि मांडव गढ़ नो राजियो , नामें सुपार्श्व नाथ . इतना भव्य प्राचीन तीर्थ , दादा की भव्य मूर्ति देखकर मन भावुक हो गया । १३६ साल तक दादा का यह मंदिर बंद रहा था . इस तीर्थ का इतिहास भी बड़ा भव्य है । साधार्मिक भक्ति का जोड़ यहाँ जैसा कहीं नहीं मिलेगा . कहते है की मांडव में जब लाखो जैनो की बस्ती थी तब मांडव से बाहर का कोई आदमी यहाँ व्यापार करने आता था तो उनको मांडव में जितने घर थे, हर घर से एक ईट दी जाती थी जिससे उसका घर बन जाता था ।
हार्दिक हुंडिया ने हर राज्यो के आइजा के पत्रकारो को दो हाथ जोड़ कर विनती की है कि आप के राज्य में कोई पुराना तीर्थ हो तो उनका लेख द्वारा प्रचार प्रसार करें । बाहर के राज्यो की तीर्थ यात्रा के साथ अपने राज्यो के पुराने तीर्थो की भी यात्रा करें ।
हार्दिक हुंडिया ने मांडव गढ़ मंदिर के ट्रस्ट से विनती की है कि १३६ साल पुराने मंदिर को खोलने वाले पुण्यशाली आत्मा धार राज्य के पूर्व मानद न्यायाधीश स्वर्गीय श्री गट्टू लाल जी पोरवाल , जिनका इस मंदिर के जीर्णोद्धार में बहुत बड़ा हाथ था , उनका जो फोटो वहाँ लगाया हुया था वो आप ने क्यों हटा दिया ? वो फोटो फिर से लगाया जाए । यदि मांडव गढ़ का ट्रस्ट ऐसे उपकारीओ का उपकार भुल जाता है तो वो ट्रस्ट कैसा ? यदि हम जैन है तो उपकारीओ का उपकार कभी नहीं भूलना चाहिये ?
हार्दिक हुंडिया ने बताया की यह पूरी जानकारी मैं जल्दी वहाँ के विधायक कालूराम ठाकुर को दूँगा और जल्द से जल्द उस पुण्यशाली का फोटो लगवाया जाएगा.