मुंबई वार्ता/ इंद्रीश उपाध्याय
प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन ने ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों की सर्वेक्षण (ASER) रिपोर्ट प्रकाशित की है। इसके संदर्भ में महाराष्ट्र प्राथमिक शिक्षा परिषद ने ASER रिपोर्ट के कुछ बिंदुओं को स्पष्ट किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 20.4% छात्रों द्वारा कंप्यूटर का उपयोग किया जा रहा है। हालांकि, कुल 1,08,144 स्कूलों में से कंप्यूटर का उपयोग करने का प्रतिशत 72.95% है। संस्था ने 48.3% स्कूलों में कंप्यूटर की कमी का उल्लेख किया है। वास्तविकता यह है कि कुल स्कूलों में से 78.40% स्कूलों में कंप्यूटर सुविधा उपलब्ध है।
शालेय शिक्षा विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, लड़कियों के लिए लगभग 96.8% स्कूलों में शौचालय की सुविधा उपलब्ध है।प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन ने 409 प्राथमिक और 463 उच्च प्राथमिक तथा उससे ऊपर के कुल 872 स्कूलों का सर्वेक्षण किया है। UDISE (यूनिफाइड डिस्ट्रीक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन) डेटा 2023-24 के अनुसार राज्य में कुल 1,08,144 स्कूल हैं। प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन ने कुल स्कूलों के केवल 0.81% स्कूलों का ही सर्वेक्षण किया है। साथ ही राज्य के कुल 2,09,61,800 शालेय विद्यार्थियों में से केवल 33,746 बच्चों का सर्वेक्षण किया है, जो कुल विद्यार्थियों का सिर्फ 0.16% है। इस आधार पर रिपोर्ट प्रकाशित की गई है।
इस संस्था द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में कई सकारात्मक मुद्दे भी हैं। उनमें से कुछ महत्वपूर्ण बिंदु निम्नलिखित हैं: 6 से 14 वर्ष की आयु के 60.9% बच्चे सरकारी स्कूलों में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जबकि 38.5% बच्चे निजी स्कूलों में शिक्षा ले रहे हैं। पहली और दूसरी कक्षा में बच्चों के पढ़ाई और गणितीय गतिविधियों में प्रगति देखने को मिल रही है। तीसरी कक्षा में बुनियादी साक्षरता और गणित में कोरोना महामारी के कारण हुए अध्ययन ह्रास को पूरा किया जा रहा है। सरकारी स्कूलों में 2022 के मुकाबले 2024 में पढ़ाई में 10.9% प्रगति देखने को मिल रही है, वहीं निजी स्कूलों में यह प्रगति 8.1% है। गणितीय गतिविधियों में सरकारी स्कूलों में 13.1% और निजी स्कूलों में 11.5% प्रगति देखने को मिल रही है।तीसरी कक्षा के बच्चे जो दूसरी कक्षा के स्तर पर पढ़ सकते हैं, महाराष्ट्र का प्रतिशत राष्ट्रीय स्तर से 10% अधिक है। तीसरी कक्षा में गणितीय गतिविधियों में छात्रों की प्रगति में महाराष्ट्र देश के पहले पांच राज्यों में शामिल है।
2022 के मुकाबले 2024 में इसमें 13% की बढ़ोतरी देखी गई है। पांचवीं कक्षा के बच्चों में 2022 के मुकाबले 2024 में पढ़ाई में 2.2% अधिक प्रगति हुई है।15 से 16 वर्ष आयु वर्ग में 98% छात्र स्कूलों में दाखिल हैं। सबसे कम स्कूल से बाहर रहने वाले छात्रों वाले राज्यों में महाराष्ट्र एक राज्य है। 14 से 16 वर्ष आयु वर्ग के छात्रों के पास डिजिटल उपकरणों की उपलब्धता में राज्य के 94.2% छात्रों के घरों में स्मार्टफोन हैं और इनमें से 84.1% छात्र इसका उपयोग कर सकते हैं। इनमें से 19.2% छात्रों ने अपना स्मार्टफोन होने की बात कही है। इनमें से 63.3% छात्र शिक्षा के संदर्भ में स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं, जबकि 72.7% छात्र सोशल मीडिया के लिए स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं।
2024 में तीन वर्ष की पूर्व प्राथमिक स्कूलों में पंजीकरण कराने वाले बच्चों का प्रतिशत 95% है, जबकि 2022 में यह प्रतिशत 93.9% था। महाराष्ट्र में 6 से 14 वर्ष के बच्चों की पंजीकरण दर पिछले 8 वर्षों से 99% से अधिक रही है। महामारी के दौरान स्कूल बंद होने के बावजूद, 2018 में 99.2% से बढ़कर कुल पंजीकरण आंकड़े 2022 में 99.6% तक बढ़ गए हैं और 2024 में भी स्थिर हैं। इसका मतलब है कि इस आयु वर्ग के स्कूल से बाहर रहने वाले बच्चों का प्रतिशत 0.4% है, जबकि यह राष्ट्रीय स्तर पर 1.9% है, ऐसी जानकारी शालेय शिक्षा विभाग द्वारा दी गई है।